मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु की स्टाफिंग कंपनी एक्सफेनो के को-फाउंडर कमल कारंत का कहना है कि 1 से 5 साल का एक्सपीरियंस रखने वाले प्रोफेशनल्स की भर्ती से हायरिंग ग्रोथ में रेगुलैरिटी बनी हुई है। साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी दी कि सबसे ज्यागी भर्ती मल्टिनैशनल कंपनियों की इंडियन टेक्नोलॉजी यूनिट्स में देखने को मिल सकती है। वहीं इससे खास करके ग्लोबल कंपनियों के मौजूदा और नए टेक्नोलॉजी सेंटर से बढ़ावा मिल सकता है। एक्सफेनो के एस्टिमेट का कहना है कि टेक्नोलॉजी सर्विसेज कंपनियों के साथ रीबैजिंग कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए पिछले 12 से 18 महीनों में करीब 30 कैप्टिव यूनिट्स इंडिया में लगायी गयी है। बता दें कि रीबैजिंग में IT सर्विसेज वेंडर अपनी क्लाइंट की बिजनस यूनिट और उसके एंप्लॉयीज को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं।
वित्त वर्ष 2021 में घरेलू IT सेक्टर में होने वाली कुल भर्तियों में देश की टॉप 5 IT सर्विसेज कंपनियां जैसे-टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इन्फोसिस, HCL टेक्नॉलजीज, विप्रो और टेक महिंद्रा का योगदान 40% से ज्यादा हो सकता है। इन्फोसिस के एचआर ग्रुप हेड कृष्णमूर्ति शंकर का कहना है कि अगले साल वित्त वर्ष में भर्ती के आंकड़े में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। हालांकि आंकड़ा कितना होगा इसका कोई खुलासा नहीं किया है। बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में टॉप 5 सॉफ्टवेयर सर्विसेज प्रवाइडर्स ने 64,442 प्रोफेशनल्स की भर्ती हुई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में 54,642 प्रोफेशनल्स की भर्ती हुई थी।