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करोड़ों की संपत्ति छोड़ 12 साल का ये लड़का बना सन्यासी, फिर परिवार ने ये कहा…

locationनई दिल्लीPublished: Apr 21, 2018 12:52:56 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

जैन भिक्षु बनने पर सांसारिक मोह-मााया आैर भौतिक संपत्ति को छोड़ने को लेकर भव्य काफी उत्साहित दिखे।

Bhavya Shah

नर्इ दिल्ली। एक तरफ दुनिया भर में लोग दौलतमंद बनने आैर विलासिता की जिंदगी के पीछे भाग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ गुजरात के सूरत शहर में 12 साल का एक बच्चा जिसका नाम भव्य शाह है अपनी उम्र के अन्य लड़कों की तरह नहीं है। जिस उम्र में बच्चे खेलने-कूदने में मशगूल रहते हैं, उस उम्र में भव्य शाह सांसारिक मोह-माया त्याग कर जैन भिक्षु बन चुकें है।


करोड़ों रुपए के वारिस है भव्य शाह

सबसे दिलचस्प बात ये है कि भव्य शाह सूरत शहर में करोड़ों रुपए के वारिस है। भव्य के पिता सूरत के जाने माने हीरा कारोबारी हैं आैर करोड़ो रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। अपने 12 साल के बच्चे के जैन भिक्षु बनने पर उनका पूरा परिवार काफी उत्साहित है।

 

Bhavya Shah

जैन भिक्षु बनने पर उत्साहित दिखे भव्य

बीते गुरुवार को भव्य ने एक समारोह में जैन भिक्षु बनने की दीक्षा ली। जैन भिक्षु बनने पर सांसारिक मोह-मााया आैर भौतिक संपत्ति को छोड़ने को लेकर भव्य काफी उत्साहित दिखे। जैन भिक्षु बनने को लेकर भव्य ने कहा कि वह भगवान द्वारा दिखाए गए सत्य के मार्ग पर चलने को लेकर काफी प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी मां आैर पिता को भी छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्होंने ही सिखाया कि यही सच्चार्इ का रास्ता है। भव्य ने ये भी कहा कि भविष्य में एक दिन उनके पिता आैर माता भी इस रास्ते पर आएंगे।

 

Bhavya Shah

क्या कहा पिता दीपेश शाह ने

भव्य के पिता दीपेश शाह ने कहा कि परिवार बेहद खुश है क्योंकि उनके छोटे बेटे ने जैन परंपरा को अपनाया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह दुखी है कि उनका बेटा जैन भिक्षु बनने के बाद उन्हें छोड़ देगा, इसपर दीपेश शाह ने कहा कि वही खुश हैं क्योंकि उनकी बेटी ने चार साल पहले 12 वर्ष की उम्र में ही सन्यास लिया था। भव्य शाह ने 400-450 जैन भिक्षुआें आैर लगभग 7,000 लोगों की उपस्थिति में दीक्षा लेंगे।

 

Bhavya Shah

पहले भी गुजरात के कर्इ बच्चे ले चुकें है सन्यास

एेसा पहली बार नहीं हुआ की गुजरात के युवा बच्चों ने सांसारिक मोह-माया छोड़ सन्यास का रास्ता अपनाया है। इसके पहले 2017 में, 17 साल के वर्शिल शाह ने भी सन्यास लिया था। वर्शिल ने 12वीं कक्षा में 99.99 फीसदी से काॅमर्स में पहला स्थान हासिल किया था। उनके परिवार से ही मुनी सुविया रत्न विजयवी हैं, जिन्होंने पहले ही दीक्षा ले रखी हैं।

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