ट्राई ने नियमों में किया बदलाव
आपको बता दें कि ट्राई ने जनवरी 2018 में पोर्टिंग फीस में कटौती की थी। पहले पोर्टिंग फीस 19 रुपए लगता था, जिसको ट्राई ने घटाकर 4 रुपए कर दिया था। ट्राई के इस बदलाव से दोनों MNP सर्विस प्रोवाइडर्स को रेवेन्यू को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
ट्राई के फैसले के खिलाफ दायर की याचिका
आपको बता दें कि दोनों कंपनियों ने ट्राई के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील दायर की थी, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्राई के इस नियम को अवैध और गलत बताया और बाद में इसको खारिज कर दिया।
क्या है MNP
आपको बता दें कि MNP वह सुविधा है, जिसमें यूजर अपना मोबाइल नंबर बदले बिना टेलीकॉम ऑपरेटर को बदलने की अनुमति मिलती है। इसके साथ ही टेलीकॉम कंपनियों के पास जब भी यूजर जाता है तो वह MNP सर्विस प्रोवाइडर को फीस का भुगतान करता है। वहीं, ट्राई के सेक्रेटरी सुनील गुप्ता ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले के बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
कंपनी के डायरेक्टर ने दी जानकारी
सिनिवर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर हिमांशु गोयल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सिनिवर्स ट्राई और टेलीकॉम कंपनियों के साथ हमने बातचीत की है, जिसके बाद फरवरी 2019 से कंपनियों ने बकाया रकम की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। वहीं, MNP इंटरकनेक्शन की अमरीकी पैरेंट कंपनी आईकनेक्टिव की प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
2010 में देश में शुरू हुआ MNP
ट्राई के नियमों में हुए बदलावों के बाद दोनों MNP सर्विस प्रोवाइडर्स अपनी बकाया रकम को कैलकुलेट कर रहे हैं। इंडस्ट्री ने अनुमान लगाते हुए बताया कि यह रकम लगभग 120 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। देश में MNP की शुरुआत नवंबर 2010 में हुई थी। वहीं, दिसंबर 2018 तक लगभग 41.2 करोड़ सब्सक्राइबर्स ने इस सुविधा का फायदा लिया था। इसके साथ ही ट्राई ने पिछले वर्ष जनवरी में कहा था कि MNP के लिए 4 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन की फीस केवल सफल पोर्टिंग के लिए ली जाएगी।
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