यही ध्यान में रखते हुए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज ( finacial stimulous package ) की तीसरी किस्त के बारे में जानकारी देते हुए आत्मनिर्भर-भारत ( Self-reliant Bharat ) अभियान में दो महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की। डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज अनुदान और 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (AHIDF) का निर्माण। जिसका इस्तेमाल डेयरी प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन और पशु आहार जैसे क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।
सीतारमण के अनुसार, इस योजना से 5,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता (Liquidity) होगी, जिससे दो करोड़ डेयरी किसानों को लाभ होगा। गुजरात सहकारी दूध विपणन महासंघ (Gujarat Co-operative Milk Marketing Federation Ltd ) के निदेशक आरएस सोढ़ी की मानें तो 4% ब्याज पर सहकारी समितियों के लिए लोन सबवेंशन स्कीम है।
निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का फंड आर्थिक विकास के लिए बेहद जरूरी है । सरकार को उम्मीद है कि इस घोषणा के बाद डेयरी सेक्टर (Dairy Sector) से किसानों को अतिरिक्त आय कमाने का जरिया मिलेगा।
हालांकि National Dairy Development Board के मुताबिक 2019 से अब तक दूध की मांग में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है लेकिन ये बढ़ोत्तरी स्किम्ड मिल्क पाउडर में ज्यादा है। 15 मार्च 2020 को सहकारी समितियों का एसएमपी स्टॉक 70,000 टन से दोगुना हो कर 15 मई 2020 को 1.45 लाख टन हो गया है।