इसलिए लिया ये फैसला
आज दुनियाभर में कई ऐसी कंपनिया हैं जो अपने कर्मचारियों से सप्ताह में सिर्फ 4 दिन काम कराती हैं। लेकिन उन्हें सैलरी पांचो दिन की देती है। कंपनियां का कहना है कि ऐसा करने से कर्मचारी अच्छा काम करते हैं। इस साल की शुरुआत में बर्लिन स्थित प्रॉजेक्ट मैनेजमेंट सॉफ्टवेअर कंपनी ने अपने 10 स्टाफ मेंबर्स के लिए 4 डे वीक की सुविधा शुरू की थी। इस नए नियम को लेकर कंपनी के फाउंडर का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था काफी हेल्दी है और ऐसा करने से कर्मचारी बेहतर काम कर पाते हैं क्योंकि तब कर्मचारी पागलों की तरह काम नहीं कर रहे होते है।
कंपनी ने शुरू किया ये नियम
इसी साल न्यू जीलैंड की ट्रस्ट कंपनी पर्पेचुअल गार्जियन ने भी अपनी कंपनी में इस नए नियम की शुरूआत की थी। कंपनी के बड़े अधिकारियों के मुताबिक जब से कंपनी ने हर सप्ताह 32 घंटे यानी सप्ताह में 4 दिन काम करने की व्यवस्था शुरू की है तब से ही कर्मचारियों के स्ट्रेस में कमी आई और स्टाफ एंगेजमेंट भी बढ़ा है।
सर्वे में हुआ खुलासा
हाल ही में यूएस, यूके और जर्मनी समेत 8 देशों के 3 हजार कर्मचारियों के साथ हुए एक सर्वे में करीब 50 फीसदी कर्मचारियों ने इस बात को माना कि अगर उन्हें काम के दौरान किसी तरह की रुकावट या हस्तक्षेप न हो तो वे बड़ी आसानी से अपना काम 8 घंटे की बजाए 5 घंटे में खत्म कर सकते हैं। बावजूद इसके बहुत से लोग हर सप्ताह 40 घंटे से भी ज्यादा का काम करते हैं। आपको बता दें कि इस मामले में अमरीका पहले नंबर पर है जहां के 49 प्रतिशत लोग हर सप्ताह ओवरटाइम करते हैं।