उद्योग जगत

सोने के गहनों में 45 फीसदी तक अशुद्धि, जांच लें अपने आभूषण

कहीं
आपके सोने के गहनों में भी अशुदि्ध तो नहीं, ऎसा हुआ तो उसे बेचने पर नहीं मिल
सकेगी पूरी कीमत

May 11, 2015 / 10:02 am

अमनप्रीत कौर

Gold

नई दिल्ली। बिना हॉलमार्क वाले सोने के गहनों के सरकारी सर्वेक्षण में उनमें 45 फीसदी तक अशुद्धि पाई गई है, जबकि औसतन अशुद्धि 13.5 फीसदी मिली है। कंज्यूमर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी पिछले महीने कहा था कि देश में बिकने वाले बिना हॉलमार्क के स्वर्णाभूषणों में 40 फीसदी अशुद्धि पाई जाती है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने पिछले सप्ताह लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार द्वारा सोने के गहनों के दो सर्वेक्षण 2001 और 2006 में कराए गए थे।

पहले सर्वेक्षण में 89 फीसदी नमूने फेल हो गए, जबकि दूसरे में 90 फीसदी नमूने जांच में खरा नहीं उतर सके। वहीं औसत अशुद्धि भी 11 फीसदी से बढ़कर 13.5 फीसदी तथा अधिकतम अशुद्धि 38.6 फीसदी से बढ़कर 44.6 फीसदी पर पहुंच गई।

153 अरब का नुकसान

सरकारी आंकड़ों को ही सही मानते हुए यदि 13.5 फीसदी औसत अशुद्धि के आधार पर गणना की जाए और यह माना जाए कि देश में 50 फीसदी गहने बिना हॉल मार्क के बिकते हैं तो पिछले साल ग्राहकों को 153 अरब रूपए का नुकसान हो चुका है। वर्ष 2014 में देश में 842.7 टन सोने की खपत रही। इस हिसाब से वर्तमान कीमत पर ग्राहकों का नुकसान 153.58 अरब रूपए का रहा।

कैरेट में जानें


सोने में 13.5 फीसदी अशुद्धि का मतलब यह हुआ कि 24 कैरेट सोना दरअरसल 20.76 कैरेट ही होता है। 22 कैरेट सोना 19 कैरेट और 20 कैरेट सोना 17.3 कैरेट होता है। वैसे सोने की शुद्धता कैरेट में मापी जाती है 14 से लेकर 24 कैरेट तक के गहने बाजारों मे उपलब्ध रहते हैं।

331 केद्र

देश में वर्तमान में भारतीय मानक ब्यूरो से मान्यता प्राप्त 331 हॉलमार्क केंद्र ही हैं। साथ ही हॉलमार्क सत्यापन अनिवार्य होने की बजाय ऎच्छिक होने से छोटे व्यापारी ही नहीं तनिष्क जैसे बड़े गहनों के शोरूम भी बिना हॉलमार्क वाले गहने बेचते हैं। तनिष्क की वेबसाइट के मुताबिक वह अपने गहनों का सत्यापन स्वयं अपने मानकों पर करता है।

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