भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ के चेयरमैन राज कुमार झा ने कहा कि ऑटो-टैक्सी वाले अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं उनकी मांगे जायज है क्योंकि प्रदेश सरकार ने उनकी सुविधा के लिए कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में करीब पांच लाख ऑटो-टैक्सी चालक हैं जिनकी दशा काफी दयनीय है, क्योंकि काफी समय से किराये में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
झा ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) को 2015 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में 67 सीटों पर जीत दिलाने में ऑटो-टैक्सी वालों का अहम योगदान रहा, लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टी उनको भूल गई।
किशन वर्मा ने कहा कि चुनाव के दौरान हर ऑटो के पीछे आम आदमी का पोस्टर लगाया गया था, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में ऑटो-टैक्सी वालों की दिल्ली की जनता से अपील है कि वे इस पार्टी को वोट न दें। उन्होंने कहा कि एप से चालित टैक्सी को प्रोत्साहन देकर सरकार ने उनके साथ भेदभाव किया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑटो-टैक्सी वालों को सब्जबाग दिखाकर उनका वोट लिया, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने बताया कि नौ अप्रैल को दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में उनको सात से आठ यूनियनों का समर्थन प्राप्त है।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.