रतन टाटा ने नहीं की शादी रतन टाटा जब अमेरिका में काम करते थे, तो उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया था, लेकिन उस व़क्त 1962 का भारत-चीन युद्ध चल रहा था। टाटा और उनकी प्रेमिका ने शादी का फैसला किया, लेकिन यह सपना पूरा नहीं हो सका, क्योंकि उस समय किसी काम के कारण रतन टाटा भारत आ गए और उनकी प्रेमिका युद्ध के दौरान बने तनावपूर्ण माहौल के कारण भारत नहीं आ सकीं और आख़िरकार उसने किसी और से शादी कर ली।
शर्मीले स्वभाव के हैं रतन टाटा आपको बता दें कि रतन टाटा अपनी कमाई का 65 फीसदी हिस्सा दान कर देते हैं। उनकी कंपनी का जो भी प्रॉफिट होता है वो उसे समाज कल्याण के लिए दान कर देते हैं। ये पैसा उनकी निजी फाइनेंशियल स्टेटमेंट में दर्ज नहीं होता है। इसीलिए रतन टाटा की निजी संपत्ति 100 करोड़ से ऊपर नहीं जाती है। इसके साथ ही रतन टाटा एक शर्मीले स्वभाव के व्यक्ति हैं जो झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते हैं। टाटा सालों से मुम्बई के कोलाबा में एक किताबों एवं कुत्तों से भरे हुए बैचलर फ्लैट में रहते हैं।
मजदूरों के साथ भी करते थे काम रतन टाटा ने जब अपना करियर शुरू किया तो उन्होंने फैक्ट्री के मजदूरों के साथ काम शुरू किया। कहते हैं कि वो इसके जरिए जानना चाहते थे कि आखिर मजदूरों की जिंदगी क्या है और उनके परिवार को इस बिजनेस को खड़ा करने में कितनी मेहनत लगी। वह बहुत ही सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं। इसके साथ ही उन्होंने मजदूर वर्ग के लोगों को हर प्रकार की मदद की और परिस्थिति में उनका साथ दिया।
टाटा को है कारों का शौक रतन टाटा को कारों का भी बहुत शौक है। उनके पास सभी लेटेस्ट कारों के मॉडल हैं। रतन टाटा की फेवरेट कार फरारी है। रतन टाटा ने नैनो जैसी लखटकिया कार बनाकर आम आदमी का कार का सपना साकार किया। वे इंडिका जैसी कार भी बाज़ार में लाए। इतना ही नहीं रतन टाटा को प्लेन उड़ाना भी आता है और बकायदा उनके पास इसका लाइसेंस भी है।इसके साथ ही बहुत ही कम लोगों को पता है कि झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने टाटा की फैक्ट्री में 17 सालों तक काम किया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास 1978 से 1995 तक मुख्यमंत्री रघुवर दास रांची में मौजूद फैक्ट्री में मजदूरी करते थे।