पतंजलि के लिए रास्ते अभी भी खुले हुए
हालांकि अभी भी पतंजलि के लिए सभी रास्ते बंद नहीं हुए हैं। स्विस चैलेंज विधि के तहत चल रही नीलामी प्रक्रिया कें अंतर्गत पतंजलि के लिए रास्ते अभी भी खुले हुए हैं। स्विस चैलेंज विधि के अंतर्गत यदि पतंजलि 6,000 करोड़ रुपए से अधिक की बोली लगाती है तो अडानी को पेशकश का एक आैर मौका मिलेगा। रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए पतंजलि आैर अडानी समूह के अलावा इमामी एग्रोटेक आैर गोदरेज एग्रोवट ने भी रुचि सोया के अधिग्रहण की इच्छा जतार्इ थी।
परिसंपत्ति को अधिकतम करने के लिए स्विस चैलेंज विधि का उपयोग
रुचि सोया के उधारकर्ताअों की समिति (सीआेसी) ने कल (मंगलवार) आयोजित बैठक में पतंजलि आैर अडानी विल्मर द्वारा दाखिल बोली को खोला। आपको बता दें कि सीआेसी ने रुचि सोया की परिसंपत्ति के मूल्य को अधिकतम करने के लिए स्विस चैलेंज विधि के तहत कार्यान्वयन करने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर पतंजलि के तरफ से मीडिया को कोर्इ जानकारी नहीं दी हैं लेकिन सिरिल मंगलदास के इस्तीफे को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं।
बोली से नाखुश हैं कर्जदाता
पतंजलि के तरफ से कहा गया है कि वो इस बात को लेकर हैरान है आैर इसके बारे में सीआेसी से जानकारी मांगी हैं। पतंजलि ने ये भी कहा है कि वो सिरिल अमरचंद मंगलदास के इस्तीफे के मुद्दे को उठाया है। सूत्रों का कहना है कि कर्जदाता रुचि सोया के तरफ से लगार्इ गर्इ शुरुआती बोली से नाखुश हैं। आपको बता दें कि शुरुअाती दौर में 4,300 करोड़ रुपए की बोली के साथ पतंजलि सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में सामने आर्इ थी। इस दौरान अडानी समूह ने रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए 3,300 रुपए की बोली लगार्इ थी।