Government plans radical changes in EPF law
नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय पीएफ कानून में बदलाव की तैयारी में है। इसके लिए तैयार संशोधन विधेयक को अगर कैबिनेट मंजूरी के बाद मॉनसून सत्र में हरी झंडी मिल गई तो आपको टेक होम सैलेरी कम हो जाएगी। यानी कि आपकी सैलेरी में से पीएफ का योगदान बढ़ जाएगा और आपके हाथ आने वाली सैलेरी कम हो जाएगी।
इस विधेयक में “अंशदायी वेतन” को शामिल किया गया है। अब तक केवल बेसिक सैलेरी का 12 फीसदी ही पीएफ के लिए काटा जाता है, लेकिन सरकार के मुताबिक अब सैलेरी में से हाउस रेंट और ट्रेवल अलाउंस को बाहर रख बाकी पूरी सैलेरी अंशदायी वेतन मानी जाएगी। इसके अलावा कंपनियों को एक और बड़ी राहत दी गई है। कंपनियों की तरफ से पीएफ में दिया जाने वाला अंशदान इस अंशदायी वेतन का हिस्सा बनेगा। अब तक ऎसा नहीं था।
इस बदलाव को ऎसे समझें
अगर आपकी सैलेरी (सीटीसी) 50000 रूपए है और बेसिक सैलेरी 20000 रूपए है, तो मौजूदा नियमों के मुताबिक 20000 का 12 प्रतिशत यानी कि 2400 रूनपए पीएफ काटा जाता है और बकाया 47600 रूपए टेक होम सैलेरी हाती है।
वहीं अगर नए नियम लागू हुए तो आपकी कुल सैलेरी में से पहले एचआरए और टीए काटा जाएगा और बची हुई पूरी सैलेरी पर 12 फीसदी के हिसाब से पीएफ काटा जाएगा। यानी कि 50000 में से 8000 (एचआरए) व 800(टीए) काटने के बाद 41200 रूपए पर 12 फीसदी के हिसाब से 4944 रूपए काटे जाएंगे। इसके बाद आपकी टेक होम सैलेरी 45056 रूपए रह जाएगी।