निजिकरण के फैसले के बाद अब खबर ये आ रही है कि एयर इंडिया अपने 15 हजार कर्मचारियों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट (वीआरएस)की पेशकश की योजना बना रही है।
नई दिल्ली। देश की सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया अपने कर्ज के बोझ को कम करने की लगातार कवायद करती नजर आ रही है। निजिकरण के फैसले के बाद अब खबर ये आ रही है कि एयर इंडिया अपने 15 हजार कर्मचारियों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट (वीआरएस)की पेशकश की योजना बना रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी ये कदम अपने उपर से भार कम करने के लिए उठा रही है।
ऑपरेटिंग कॉस्ट कम करने की कवायद
यह दावा किया जा रहा है कि एयर इंडिया यह कदम वर्ष 2018 में बिकने से पहले उठाएगी जिससे की बिकते समय कंपनी ऑपरेटिंग कॉस्ट कम दिखा सके और निजी कंपनीयों को आकर्षित कर सके। सरकारी कंपनी के लिहाज से देश में यह पहला मौका होगा जब एक साथ इतने कर्मचारियों को वीआरएस लेने का पेशकश होगा। फिलहाल एयर इंडिया में लगभग 40,000 कर्मचारी कार्यरत है।
निजी कंपनियां दिखा चुकी है खरीदने में दिलचस्पी
अभी कुछ दिनों पहले ही एयर इंडिया अपने विमानों की संख्या बढ़ाने के लिए दिए गये सभी ऑर्डर को स्थगित कर दिया था। कंपनी ने 8 बोइंग 787 को लीज पर लेने के फैसले को भी फिलहाल रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि एयर इंडिया को कैबिनेट द्वारा निजीकरण की मंजूरी के बाद टाटा, इंडिगो और स्पाइसजेट ने खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी।