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Jet Airways को जीवनदान दे सकती है एअर इंडिया, महाराजा को अंतरराष्ट्रीय व घरेलू रूटों पर होगा फायदा

locationनई दिल्लीPublished: Apr 22, 2019 02:11:09 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

बैंकों ने निवेशकों से जेट एयरेवज के लिए बुलाई है बिडिंग।
निवेशकों द्वारा रूचि नहीं लेने पर एअर इंडिया कर सकता है अधिग्रहण।
नरेश गोयल अभी भी हैं जेट एयरवेज के प्रोमोटर

Jet Airways and Air India

Jet Airways को जीवनदान दे सकती है एअर इंडिया, महाराज को अंतरराष्ट्रीय व घरेलू पर होगा फायदा

नई दिल्ली। सरकारी विमान कंपनी एअर इंडिया ( air india ) कर्ज के बोझ में डूबी विमान कंपनी जेट एयरवेज ( Jet Airways ) का अधिग्रहण कर सकती है। अगर यह डील पूरी होती है तो एअर इंडिया को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रूटों को वापस हासिल करने में कामयाबी मिल सकती है। यह बात अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन ( All India Bank Employee Association ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अन्य निवेशक जेट एयरवेज में रूचि नहीं दिखाता तो एअर इंडिया इसमें हिस्सेदारी ले सकती है। अगर ऐसा होता है तो इससे एअर इंडिया को बड़ा फायदा हो सकता है। हालांकि, एक अन्य अधिकारी का कहना है कि बैंकों द्वारा जेट एयरवेज में निवेश करने का कोई मतलब नहीं बनता है। पहले ही उनके जेट एयरवेज में 8,500 करोड़ रुपए फंसे हैं।

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कर्मचारियों की नौकरी बचाने में मिलेगा फायदा

इससे एक और अच्छी बात होगी कि जेट एयरवेज के कर्मचारियों की नौकारियां बचाने में फायदा मिलेगी। कर्मचारी यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर भी लिखा है। उन्होंने आगे कहा, “हमारी जानकारी के मुताबिक, बैंकों ने संभावित निवेशकों की बिडिंग बुलाई है। यदि ऐसा नहीं होता है और कोई निवेशक जेट एयरवेज में निवेश नहीं करना चाहता है तो सरकार को इसमें हिस्सेदारी खरीद लेनी चाहिए। इससे हजारों कर्मचारियो की नौकरी बच सकती है।”

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कंपनी द्वारा कई गलत फैसले लेने की बात आ चुकी है सामने

उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि जेट की इस संकट के बाद अब सभी की नजरें बैंकों पर ही है। ऐसा लग रहा कि बैंक ही इस कंपनी के मालिक हैं। नरेश गोयल अभी भी कंपनी के प्रोमोटर हैं और प्रमुख शेयरहोल्डर भी हैं। यह उनका सिरदर्द है कि वो इस कंपनी को कैसे चलाएं या फिर इसे बेच दें। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि जेट एयरवेज का यह संकट कंपनी द्वारा लिए गए कई गलत फैसले की वजह से आया है। ऐसे में कंपनी का विस्तृत रूप से जांच होनी चाहिए। अगर किसी की गलती सामने आती है तो उन्हें इसका परिणाम भी भुगतना होगा।

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