कोरोना ने तोड़ी एयरलाइंस इंडस्ट्री की कमर, 200 से ज्यादा विमान खड़े होने पर मजबूर
खैर इन एयरलाइंस कंपनियों को सरकार की तरफ से मदद की उम्मीद है लेकिन उससे पहले ही इन कंपनियों ने अपने घाटे को पूरा करने का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। इंडिगो और एयरइंडिया ने अप्रैल से अपने कर्मचारियों की सैलेरी में कटौती का ऐलान पहले ही कर दिया है। और अब इन कंपनियों ने अपने घाटे को पूरा करने का एक और तरीका निकाला है । दरअसल 15 मार्च से जो भी फ्लाइट टिकट कैंसिल हुई हैं कंपनियों ने उन्हें रिफंड करने का भरोसा दिलाया है । लेकिन एयरलाइंस कंपनीज का खेल यहीं से शुरू हो जाता है ।
1 महीने तक नहीं बुक करा पाएंगे GoAirइंटरनेशनल फ्लाइट्स, कोरोना की वजह से उठाया कदम
SpiceJet ने बनाया CREDIT SHELL- Spicejet ने ट्वीट कर टिकट के अमाउंट को CREDIT SHELL में जमा करने की बात कही है। कस्टमर्स इस पैसे को अगले एक साल तक टिकट बुकिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यानि अपनी अगली टिकट के लिए आपको न सिर्फ स्पाइसजेट को चुनना है बल्कि अपने पैसों को इस्तेमाल करने के लिए अगले एक साल में ट्रैवेल भी करना है। ( बाजार के जानकारों का मानना है कि कोरोना के ठीक होने के बावजूद लोग कुछ समय तक ट्रैवेल करने से बचेंगे ) और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके ट्रैवेल न करने तक तो कंपनियां आपका पैसा इस्तेमाल करेंगी ही इसके साथ ही अगर आप पूरे साल उस ट्रैवेल न कर पाएं तो आपका पैसा कंपनी की झोली में जा चुका है। इस बारे में हमने जब स्पाइस जेट से बात करनी चाही तो उनका कहना था कि ट्वीटर पर उनके ट्वीट को उनका ऑफिशियल स्टेटमेंट माना जाए। (आप कंपनी का ट्वीट नीचे देक सकते हैं) दूसरी कंपनी ने तो फोन उठाने की भी तकलीफ नहीं उठाई। खैर अब आपको बताते हैं दूसरी कंपनी ने क्या इंतजाम किया है रीफंड करने का
Goair भी कुछ अलग नहीं-
283 साल पुराने बिजनेस फैमिली की ये कंपनी Goair भी कुछ कम नहीं । गोएयर ने अगले 14 अप्रैल तक सभी उड़ानों को रद्द करने की घोषणा करते हुए बुक टिकट के PNR मैनेज करने की बात कही है । यानि आप अगले एक साल में जब चाहें उसी PNR नंबर के साथ सफर कर सकते हैं। कंपनी आपका पैसा आपके अकाउंट में नहीं देगी, लेकिन अगली बार जब आप ट्रैवेल करेंगे और उस वक्त टिकट महंगा होगा तो आपसे एडीशनल अमाउंट जरूर वसूला जाएगा।
यानि किसी भी सूरत में नुकसान कस्टमर का होगा। पत्रिका को एयरलाइंस इंडस्ट्री को हो रहे घाटे से पूरी हमदर्दी है लेकिन उस घाटे को पूरा करने के तरीकों से हम इत्तेफाक नहीं रखते।