10 अगस्त बोली की दूसरी अंतिम तिथि
इस कंपनी का कहना है कि जेट एयरवेज में देनदारियों से संबंधित अनसुलझे मुद्दों के चलते वह अब निवेश नहीं करना चाहते हैं। गत 18 अप्रैल को परिचालन से बाहर हुई जेट एयरवेज फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। जेट एयरवेज के लिए बोली लगाने की दूसरी अंतिम तारीख भी 10 अगस्त को खत्म हो चुका है। 10 अगस्त तक जेट एयरवेज के लिए केवल तीन निवेशकों ने शुरुआती बोली दाखिल की थी।
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एतिहाद भी पीछे खींच चुका है हाथ
एतिहाद एयरवेज ने पहले ही जेट में अब और निवेश करने से पहले हाथ पीछे खींच लिया है। एतिहाद एयरवेज ने साफ कर दिया है कि वो अब 24 फीसदी से अधिक निवेश नहीं करेगी। इसके पहले कयास लगाये जा रहे थे कि एतिहाद एयरवेज में जेट 24 फीसदी हिस्सेदारी के लिए बोली लगाये। लेकिन, एतिहाद ने अपने एक बयान में साफ कर दिया है कि उसने जेट एयरवेज के लिए बोली लगाने की योजना नहीं बनाई गई है। एतिहाद ने इस बयान में यह भी कहा है कि उसने जेट एयरवेज के मुद्दे को सुलझाने की सभी कोशिशें कीं, लेकिन आंशिक शेयरहोल्डर होने की वजह से उसके हाथ बंधे हुये हैं।
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वोल्कन ने बयान जारी कर जानकारी दी
गौरतलब है कि अनिल अग्रवाल की कंपनी ने गत रविवार को जेट एयरवेज के लिए बोली लगाने की घोषणा दी थी। जिस कंपनी के माध्यम से अनिल अग्रवाल ने यह बोली लगाई थी, वह कंपनी उनके परिवार द्वारा ट्रस्ट के अधीन चलाई जाने वाली कंपनी है। इस कंपनी का नाम वोल्कन है। सोमवार के इस कंपनी नेअनिल अग्रवाल के हवाले से कहा कि उन्होंने जेट एयरवेज में निवेश को लेकर विस्तृत अध्ययन और अन्य प्राथमिकताओं के बाद यह फैसला लिया है।