ट्रैक्टर से लेकर तिपहिया वाहनों की बिक्री में आई गिरावट
कॉमर्शियल सेग्मेंट में तरलता की कमी, रिटेल फाइनेंस की अनुपलब्धता, लोन के नए नियम और चुनाव से ठीक पहले आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार धीमी पडऩे से कमजोरी दर्ज की जा रही है। ट्रैक्टर सेग्मेंट में पिछले साल की सामान अवधि की तुलना में गिरावट देखने को मिल रही है। तिपहिया वाहनों की बात करें तो इनमें हल्की मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है।
कॉमर्शियल सेग्मेंट के वाहन बाजार पर दबाव
तरतला की कमी, वित्तीय मामले, ब्याज दर में बढ़ोतरी और लोन नियमों में बदलाव की वजह से इस सेग्मेंट में वाहन बिक्री में गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि, लंबे अवधि में इस साकारात्मक व्यापार की उम्मीद की जा रही हैं।कंपनियों के आधार पर देखें तो टाटा मोटर्स ने इस सेग्मेंट में साल-दर-साल के आधार पर 1 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। आयशर वोल्वों में 7.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। अशोका लेलैंड व महिंद्रा एंड महिंद्रा के भी कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 4 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की है।
कार सेग्मेंट में रिकवरी के कोई संकेत नहीं
लगातार 9वें महीने में भी कार सेग्मेंट में कमजोरी के बाद रिकवरी के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं। ब्याज दरों में इजाफे से टोटल कॉस्ट ओनरशिप में बढ़ोतरी देखने को मिली है जिसके बाद कार सेग्मेंट के व्यापार में गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं , लंबी अवधि के इन्श्योरेंस की अनिवार्यता के बाद भी इस सेग्मेंट को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, कई कंपनियों द्वारा नई वाहनों के लॉन्च से कुछ फायदा मिला है। कार सेग्मेंट के मामले में भारतीय बाजार की अगुवाई करने वाली मारुति ने पिछले माह बिक्री में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। अपन नई एसयूवी टाटा हैरियर के लॉन्च किए जाने के बाद टाटा मोटर्स को इस माह हल्की राहत की उम्मीद है। वहीं दूसरी तरफ, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस सेग्मेंट में 4 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
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