सूत्रो ने बताया कि, यह आदेश पीएमओ ने दिया है। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने इनकम टैक्स विभाग को निर्देश दिया कि जिन खातों में ब्लैक मनी जमा किया गया है, उनका पता लगाकर उन लोगों के खिलाफ ब्लैक मनी पर बने नए कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाए। सूत्रों का कहना है कि पीएमओ कार्यालय नोटबंदी के बाद बैंको में जमा हुई राशि से बेहद परेशान और हैरान है।
हाल ही मे आए आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि नोटबंदी के समय 15.44 लाख करोड़ कीमत के 500 और 1000 रुपए के नोट को सिस्टम से बाहर किया गया था। जिसका 98.96 फीसदी हिस्सा बैंको के जरिए आरबीआई तक वापस आ गए है। सूत्रो ने बताया कि, आरबीआई के इन आंकड़ो के बाद पीएमओ और वित्त मंत्रालय के बीच इस विषय पर गहन चर्चा हुई है। दोनो में बातचीत के बात ये सहमति बना कि बैंको में जमा हुए कालेधन के बारे में पता लगाना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर लोगों में ये संदेश जाएगा कि नोटबंदी के दौरान कुछ लोगो ने आसानी से काले धन को सिस्टम मे वापस धकेल दिया। वित्त मंत्रालय ने आरबीआई की संसदीय समिति को ये ओदश दिया है कि इसे गंभीरता से लिया जाए।
विपछी दलों ने लगातार आरबीआई द्वारा नोटबंदी के आंकड़ो को देरी से जारी करने को लेकर लगातार सरकार पर हमला किया। सरकार ने भी इस मामले पर विपक्ष को लगातार जवाब दिया है, इसको लेकर खुद वित्त मंत्री अरूण जेटली भी कई मौकों पर मुखर रहे हैं। सरकार ने लगातार ये कहा है कि 500 और 1000 रुपए के नोटों के सर्कुलेशनको बंद करने के फैसले से ब्लैकमनी पर रोक लगाने में सफलता मिली है और साथ ही इससे टैक्स का आधार भी बढ़ा है। आरबीआई ने ये भी माना कि अभी कई बैंको और पोस्टाऑफिस में 500 और 1000 रुपयों की गिनती करना अभी बाकी हैं।