कराना पड़ रहा है पंजीकरण अभी तक शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले अधिकांस ब्यूटी पार्लरों का पंजीकरण नहीं होता था। लेकिन 1 जुलाई 2017 को जीएसटी के लागू होने के बाद सरकार ने हर तरह के कारोबार को पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था। जीएसटी के तहत पंजीकरण कराने के लिए सरकार ने पूरे देश में सर्वे कराया और पंजीकरण न कराने वाले कारोबारियों की पहचान की। इस सर्वे में बड़ी संख्या में ब्यूटी पार्लर एेसे मिले जिनके पास पंजीकरण नहीं था। इस पर वाणिज्य कर विभाग की ओर से ब्यूटी पार्लर संचालिकाओं को पंजीकरण कराने के लिए नोटिस थमा दिए गए। इस पर संचालिकाओं में खलबली मच गई। कई ब्यूटी पार्लर रजिस्ट्रेशन से पहले ही बंद हो गए, वहीं जिन्होंने पंजीकरण करा लिए उनकी सेवाएं महंगी हो गईं। यही कारण है कि अब ब्यूटी पार्लरों में काम की कमी है।
ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर है इतने फीसदी जीएसटी 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने कॉस्मेटिक्स एंड ब्यूटी प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाया गया था। इन पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया था। इसका असर ब्यूटी पार्लरों और सैलून पर पड़ा था। जीएसटी लागू होने के बाद इनकी सेवाएं महंगी हो गई थीं। नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीण क्षेत्र में एक ब्यूटी पार्लर संचालिका के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं और युवतियां ब्यूटी पार्लरों का कम ही प्रयोग करती हैं। इस पर जीएसटी लागू होने के बाद सेवाएं महंगी होने से इनका आना और कम हो गया है। उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद ब्यूटी प्रोडक्ट महंगे हो गए हैं। इसके अलावा जीएसटी में पंजीकरण के बाद अब ग्राहकों से सेवा कर भी वसूला जा रहा है। इस कारण महिलाएं ब्यूटी पार्लर आने से झिझक रही हैं। अब वह ब्यूटी पार्लर के कारोबार को बंद करने का बारे में सोच रही हैं।