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एक सितंबर से चीनी सामान का होगा बहिष्कार
जब से संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन के प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है, तब से देश के व्यापारी चीन से काफी नाराज हैं। जिसकी वजह से व्यापारियों ने चीनी सामान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। जिसके तहत एक सितंबर 2019 से चीनी सामानों का भारतीय दुकानों में नहीं रखा जाएगा। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( सीएआईटी ) ने सरकार से कहा है कि चीन से आने वाले सामान पर ज्यादा से ज्यादा कस्टम ड्यूटी लगाई जाए। उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि डॉमेस्टिक इंडस्ट्री को स्पेशन पैकेज देकर बूस्ट किया जाए। व्यापारियों ने चीन के सामान पर 500 फीसदी तक सीमा शुल्क लगाने की मांग की है।
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हवाला के जरिए हो रहा है धन का ट्रांसफर
व्यापारियों की मानें तो चीन से आयात होने वाले सामान पर लगने वाली ड्यूटी सही तरीके से नहीं मिल रही है। जिससे देश के राजस्व को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीन जानबूझकर अपने सामान की कीमत को कम कर भारत भेजता है। जिसकी वजह से उनकी वस्तुओं पर कम ड्यूटी लगती है। उसी आधार पर आईजीएसटी भी वसूला जाता है। वहीं व्यापारियों के संगठन ने आरोप लगाया कि चीनी सामान के लेनदेन से हवाला के जरिए धन का ट्रांसफर होने का अंदेशा है। जिसकी वजह से देश की इकोनॉमी को काफी नुकसान हो सकता है। डॉमेस्टिक इंडस्ट्री काफी हार्म हो रही है। व्यापार संतुलन भी भारत के पक्ष में नहीं है। जिसकी वजह से भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा चीन में चली जाती है।