घरेलू उद्योग को मिली राहत
भारतीय कपड़ा उद्योग महासंघ के अध्यक्ष संजय जैन ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कहा कि सरकार के इस कदम से उद्योग को बड़ी राहत मिली है क्योंकि उद्योग जीएसटी लागू होने के बाद से दबाव में था, क्योंकि आयात शुल्क में कमी आ गई थी जिससे विदेशों रेडीमेड गार्मेंट्स का आयात बढ़ गया था।
इन मदों में बढ़ार्इ गर्इ ड्यूटी
सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने बुने हुए यानी निटेड मदों के 24 परिधान केटेगरी, गूंथे हुए यानी वोवेन मदों 24 परिधानों की केटेगरी, के अलावा कारपेट की 10 केटेगरी बगैर गूथे केटेगरी के छह और लेमिनेटेड फैब्रिक के तीन, निटेड फैब्रिक के दो, वोवेन फैब्रिक के दो और मेडअप आइटम की केटेगरी के साथ-साथ तीन अन्य केटेगरी के आयातित माल पर शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है।
चीन नहीं होगा आयात
जैन ने कहा कि घरेलू वस्त्र विनिमार्ताओं को इससे बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि भारत ने 2017-18 में करीब सात अरब डॉलर का कपड़ा व परिधान आयात किया जबकि पिछले साल यानी 2016-17 में छह अरब डॉलर का आयात हुआ था। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से चीन से परिधानों का आयात अब रूक जाएगा। चीन भारत को अपेरल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है। हालांकि जैन ने कहा कि बांग्लादेश से आयात होता ही रहेगा जो एक बड़ी चिंता है।