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पिछले साल इतने लोगों ने की थी हवाई यात्रा
पिछले साल 1.8 अरब लोगों ने हवाई यात्रा की जबकि वर्ष 2019 में यह आंकड़ा 4.5 अरब रहा था। इस प्रकार हवाई यात्रियों की संख्या वर्ष 2003 के बाद के निचले स्तर पर आ गई है। आईकाओ ने कहा है कि इससे विमान सेवा कंपनियों को 370 अरब डालर का नुकसान हुआ है। साथ ही हवाई अड्डा संचालकों को 115 अरब डालर और एयर नेविगेशन सेवा देनी वाली एजेंसियों को 13 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है।
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भारत की यह रही स्थिति
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू विमानन सेवाओं की तुलना में अंतरराष्ट्रीय सेवाएं महामारी से अधिक प्रभावित हुई हैं। घरेलू मार्गों पर यात्रियों की संख्या में 50 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 74 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। भारत के आंकड़े देखें तो वैश्विक औसत की तुलना में यहां हवाई यात्रियों की संख्या में ज्यादा बड़ी गिरावट आई है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल घरेलू मार्गों पर छह करोड़ 30 लाख 11 हजार यात्रियों ने हवाई सफर किया जो वर्ष 2019 के मुकाबले 56.29 प्रतिशत कम है।
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एयरलाइन कंपनियों के शेयरों में गिरावट
अगर बात एयरलाइन कंपनियों के शेयरों की बात करें तो इंडिगो, स्पाइसजेट के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है। पहले बात स्पाइसजेट के शेयरों की बात करें तो 1.84 फीसदी यानी 1.65 रुपए की गिरावट के साथ 87.95 रुपए पर कारोबार कर रहा है। जबकि इंडिगो के शेयरों में 2.71 फीसदी यानी 44.20 रुपए की गिरावट के साथ 1586.90 रुपए पर कारोबार कर रहा है। जबकि गैर संचालित जेट एयरवेज के शेयरों में 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा हुआ है।