डीटीएबी ने दी हरी झंडी
मिनिस्ट्री आॅफ हेल्थेकयर एंड फैमिली वेलफेयर ने एक नोटिफिकेशन में कहा है, “इंसानों के लिए अांतरिक व बाहरी प्रयोग में आने वाले मेडिकल डिवाइसेज आैर उनसे होने वाले ट्रीटमेंट को ड्रग एंड काॅस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के अंतर्गत लाया जाएगा। यह नियम 1 जनवरी से लागू हो जाएगा।” देश की सबसे बड़ी ड्रग एडवाइजरी बाॅडी यानी द ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बाॅडी (डीटीएबी) ने इस प्रस्ताव के लिए रास्ता साफ कर दिया है। इस नियम के लागू हो जाने के बाद इन डिवाइसेज को क्वालिटी मापदंडो पर परखें जाएंग जिसके बाद ही इन्हें बाजार में बेचने के लिए हरी झंडी मिलेगी।
कर्इ मापदंडों पर परखने के बाद ही मिलेगी बाजार में बेचने के लिए हरी झंडी
इन डिवाइसेज को मेडिकल डिवाइस रूल्स 2017 के अंतर्गत चेक किया जाएगा। वर्तमान में 23 मेडिकल डिवाइसेज को भी अलग-अलग मापदंडो पर परखा जाता हैै। एेसे में 4 नए डिवाइसेज को इस लिस्ट में डालने के बाद इनकी कुल संख्या 27 हो जाएगी। इनके अलावा कर्इ दूसरे मेडिकल डिवाइसेज को बाजार में एेसे ही बेचा जा सकता है। मंत्रालय ने इन डिवाइसेज को आठ अलग कैटेगरी में रखा जाएगा जिनमें एमआरआर्इ इक्विपमेंट, सीटी स्कैन इक्विपमेंट जैसे मशीनें हैं।
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