कंपनी के भविष्य के लिए सरकार से मांगी सलाह
BSNL कॉरपोरेट बजट एंड बैंकिंग विभाग के जनरल मैनेजर पुरन चंद्रा ( Puran Chandra ) के मुताबिक, “कंपनी के मासिक खर्च और राजस्व ( Revenue ) के बीच अंतर इतना बढ़ गया है कि अब कंपनी का परिचालन करना मुमकिन नहीं होगा। कंपनी के पर्याप्त पूंजी की सख्त जरूरत है।” पुरन चंद्र ने यह बात टेलिकॉम मंत्रालय ( Telecom ministry ) के ज्वाइंट सचिव को लिखे गए लेटर में कहा है। ज्वाइंट सचिव BSNL के बोर्ड मेंबर भी हैं। पिछले सप्ताह लिखे गए लेटर में पब्लिक सेक्टर की इस कंपनी ने अगला कदम उठाने के लिए सरकार से सलाह भी मांगी है, ताकि कंपनी की भविष्य को लेकर सही कदम उठाया जा सके।
यह भी पढ़ें – BSNL इंजीनियर्स ने pm modi से कहा- कंपनी को रिवाइव करने के लिए कदम उठांए, कर्मचारियों को मिले रिवार्ड
रिवाइवल के लिए सरकार ने नहीं उठाया कोई कदम
हाल ही में कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटी ( Kotak Institutional Equity ) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि पब्लिक सेक्टर कंपनियों में सबसे अधिक घाटे में चलने वाली कंपनियों की लिस्ट में BSNL शीर्ष पर है। इस रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2018 तक BSNL पर कुल 90,000 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग घाटा ( Operating Loss ) है। कंपनी की रिस्ट्रक्चरिंग की बातों के बावजूद भी सरकार अभी तक कोई रिवाइवल प्लान बनाने में विफल रही है। कंपनी की रणनीतिक महत्ता को देखते हुए सरकार ने BSNL को पूरी तरह से बंद करने की सलाह को भी खारिज कर दिया है।
वित्त वर्ष | मुनाफा/घाटा (करोड़ रुपये में) | रेवेन्यू (करोड़ रुपये में) |
2013-14 | -7,020 | 26,153 |
2014-15 | -8234 | 27,242 |
2015-16 | -4,859 | 28,831 |
2016-17 | -4,793 | 28,404 |
2017-18 | -7,993 | 22,668 |
BSNL के पास नहीं है अभी तक 4G तकनीक
गौरतलब है कि बीते कई सालों से BSNL को घाटे का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों की अधिक सैलरी, खराब प्रबंधकीय प्रणाली और कई सरकार की दखलअंदाजी की वजह से कंपनी के प्रदर्शन पर असर पड़ा है। बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मोर्चे पर भी कंपनी विफल रही हैै। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि BSNL के पास अभी भी 4G सेवा नहीं और देश की अन्य टेलिकॉम कंपनियां 5G की तैयारियों में जुटी हुई हैं।
यह भी पढ़ें – भारत में Cryptocurrency बैन को लेकर निवेशकों का बड़ा सवाल, इस खास रिपोर्ट के बाद मची हलच
पीएम मोदी साथ बैठक के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया
साल 2004-05 की तुलना में कंपनी के मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्या लगभग आधी हो गई है। कुछ माह पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BSNL की सुध ली थी। उस दौरान BSNL के चेयरमैन ने पीएम मोदी ( PM Modi ) को प्रेजेंटेशन दिया था। इसके बावजूद भी कंपनी की हालत सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.