उद्योग जगत

BSNL के लिए एक और संकट, पिछले वित्त वर्ष का घाटा 12 हजार करोड़ रुपए रहने का अनुमान

पिछले 13 सालों से घाटे में चल रही है सरकारी कंपनी बीएसएनएल।
मनोज सिन्हा ने संसद में वित्त वर्ष 2017-18 में बीएसएनएल घाटे के 7,992 करोड़ रुपए होने की दी थी जानकारी।
आगामी 16 अप्रैल को होने वाली है कंपनी की बोर्ड बैठक।

Apr 08, 2019 / 07:47 pm

Ashutosh Verma

BSNL के लिए एक और संकट, पिछले वित्त वर्ष का घाटा 12 हजार करोड़ रुपए रहने का अनुमान

नई दिल्ली। सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड ( bsnl ) की सेवाओं को ही अगर खासतौर से देखें तो वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का घाटा 12,000 करोड़ रुपये तक जा सकता है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी। bharat sanchar nigam limited ( बीएसएनएल ) के बोर्ड की बैठक फिर 16 अप्रैल को होगी, जिसमें निवेश की अन्य योजनाओं के साथ-साथ सालाना नतीजों के रुख पर भी चर्चा हो सकती है।


करीब 50 फीसदी है कंपनी का घाटा

सूत्रों ने बताया कि चार अप्रैल को हुई बैठक में मानव संसाधन से जुड़े कुछ मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि अगर सरकारी परियोजनाओं से हुई आय को जोड़ दिया जाए तो भी घाटे में मामूली कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि कंपनी की वित्तीय संकट फरवरी में उजागर हुआ और स्थिति और खराब हो गई। इस प्रकार घाटा बढ़कर करीब 50 फीसदी हो गया है। बीएसएनएल पिछले 13 सालों से घाटे में हैं, लेकिन घाटे के अपने आंकड़े नहीं दे रही है। आंकड़े तभी सामने आए जब मंत्री ने संसद में प्रश्नों के जवाब दिए।


वित्त वर्ष 18 में बीएसएनएल का घाटा 8 हजार करोड़ रुपए था

उस समय तक कंपनी के घाटे व संचालन की समीक्षा सार्वजनिक नहीं हुई थी। वित्तीय व दूरसंचार विशेषज्ञों को कंपनी के हालात का विश्लेषण करने के लिए प्रबंधन की ओर से विश्वसनीय जानकारी नहीं मिलती है। बीएसएनएल ने कहा कि यह गैर-सूचीबद्ध कंपनी है, इसलिए आंकड़े सार्वजिनक करने की अनिवार्यता नहीं है। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने पिछले साल दिसंबर में संसद को बताया था कि बीएसएनएल का सालाना घाटा वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 7,992 करोड़ रुपये हो गया। इससे पहले 2016-17 में कंपनी का घाटा 4,786 करोड़ रुपये रहा।


विश्लेषक ने कहा की कंपनी का घाटा 90 हजार करोड़ के पार जा सकता है

विश्लेषक बताते हैं कि फरवरी में बीएसएनएल में वेतन का मसला सामने आने के बाद उनके मन में कंपनी की वास्तविक वित्तीय स्थिति को लेकर कई सवाल उठे। फरवरी में वेतन का मसला उजागर होने के बाद कोटक इक्विटीज ने कहा कि बीएसएनएल का कुल घाटा 90,000 करोड़ रुपये तक जा सकता है। रपट के अनुसार, वित्त वर्ष 2008 में अंतिम बार कंपनी को मुनाफा हुआ था, उसके बाद से कंपनी को 2009 से लेकर 2018 तक 82,000 करोड़ रुपये का संचयी घाटा हुआ है।

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