संस्थाएं 150-200 रुपये प्रति केवाईसी सेन्स आधार की लागत का भुगतान कर रही हैं। वे अपने और अपने ग्राहकों के लिए सुविधाजनक होने के कारण आधार-आधारित प्रमाणीकरण और केवाईसी सेवाओं का उपयोग करने की मांग कर रही हैं और इस तथ्य से भी बचती हैं कि वे बचत करेंगी।” बता दें कि इससे ई-केवाईसी प्रक्रिया पर होने वाले खर्च में कही आएगी और साथ ही आम लोगों को सहूलियत भी मिल सकेगी।
अधिसूचना के अनुसार, संस्थाओं को उपयोग के आधार पर संबंधित चालान जारी करने के 15 दिनों के अंदर प्रमाणीकरण लेनदेन शुल्क जमा करना होगा। 15 दिनों से अधिक भुगतान में देरी प्रति माह 1.5 फीसदी और प्रमाणीकरण और ई-केवाईसी सेवाओं के बंद होने पर ब्याज को आकर्षित करेगी। सूत्रों ने कहा कि यदि कोई मौजूदा अनुरोध इकाई (उन छूटों को छोड़कर), इन विनियमों के प्रकाशन की तारीख से परे आधार प्रमाणीकरण सेवाओं का उपयोग करना जारी रखती है, तो यह माना जाएगा कि यह निर्दिष्ट प्रमाणीकरण शुल्क के लिए सहमत है।