ये भी पढ़ें: पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान, सरकार ने बदले नियम 3500 करोड़ से बढ़ाकर 10,000 करोड़ एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “सीसीईए ने भारतीय खाद्य निगम ( FCI ) की आधिकारिक पूंजी को वर्तमान के 3,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।” बयान के अनुसार, “आधिकारिक पूंजी बढ़ते ही अतिरिक्त इक्विटी पूंजी केंद्रीय बजट के माध्यम से एफसीआई में शामिल की जा सकती है, जिससे एफसीआई अनाज भंडार को निरंतर रूप से कोष जारी कर सके।”
ये भी पढ़ें: क्या अनिल अंबानी ग्रुप की नैया पार लगाएगी यह कंपनी, 100 दिनों में 800 फीसदी तक चढ़ा शेयर अनाज भंडारण की निरंतर देखरेख जरूरी एफसीआई संचालन के लिए अनाज भंडारण की निरंतर देखरेख जरूरी होती है, जिसकी आर्थिक जरूरतें केंद्र द्वारा इक्विटी या दीर्घकालिक ऋण के माध्यम से पूरी की जाती हैं। बयान के अनुसार, सरकार एफसीआई को भंडारों की देखरेख के लिए इक्विटी दे रही है। एफसीआई की वर्तमान आधिकारिक इक्विटी पूंजी 3,500 करोड़ रुपये है और 31 मार्च, 2019 को 3,447.58 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
क्या है FCI भारतीय खाद्य निगम की यानी FCI की स्थापना खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत खाद्य नीति के निम्नलिखित उद्देष्यों को पूरा करने के लिए की गई: · किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रभावी मूल्य समर्थन
· सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत देशभर में खाद्यान्नों का वितरण · राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्नो के प्रचालन तथा बफर स्टॉक के संतोशजनक स्तर को बनाए रखना। FCI ने राष्ट्र सेवा के अपने 48 वर्षों के दौरान, भारतीय खाद्य निगम ने आपदा प्रबंधन मुखी खाद्य व्यवस्था को स्थिर सुरक्षा प्रणाली में सफलतापूर्वक रूपांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।