scriptमुकेश अंबानी के इस फैसले पर भारतीय कारोबारियों ने उठाए सवाल, कठोर नियमों के लिए किया मांग | CAIT demands regulation for e sector after mUkesh ambani set to enter | Patrika News

मुकेश अंबानी के इस फैसले पर भारतीय कारोबारियों ने उठाए सवाल, कठोर नियमों के लिए किया मांग

locationनई दिल्लीPublished: Jan 20, 2019 09:23:55 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

गुजरात में मुकेश अंबानी ने र्इ-काॅमर्स सेक्टर में भी कदम रखने की घोषणा कर दी है। इसके बाद ही कारोबारी संगठनों ने इस सेक्टर में भी रेग्युलेशन लाने को लेकर अपनी मांगे तेज कर दी है।

Mukesh Ambani

मुकेश अंबानी के इस फैसले पर भारतीय कारोबारियों ने उठाए सवाल, कठोर नियमों के लिए किया मांग

नर्इ दिल्ली। एशिया के सबसे बड़े धनकुबेर मुकेश अंबानी ने जियो के सफलता पूर्वक लाॅन्च के बाद अब एक आैर धमाका करने की तैयारी में हैं। पेट्रोकेमिकल आैर रिटेल से लेकर टेलिकाॅम सेक्टर तक में धूम मचाने के बाद मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अब र्इ-काॅमर्स में भी उतरने की तैयारी में है। गत शुक्रवार को अंबानी ने घोषणा किया की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपना र्इ-काॅमर्स प्लेटफाॅर्म खोलेगी जिसमें करीब 12 लाख रिटेलर्स आैर स्टोर मालिकों को जोड़ा जाएगा। इस मामले से जुड़े कर्इ जानकारों का कहना है कि र्इ-काॅमर्स सेक्टर में RIL के कदम रखने के बाद वाॅलमार्ट, फ्लिपकार्ट, अमेजन आैर अलीबाबा जैसी कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलेगी।


घरेलू कंपनियों के लिए भी हो FDI जैसे नियम

इस बीच अब देश के कारोबारियों ने मुकेश अंबानी की इस कदम को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। कंफेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के सेक्रेटरी जनरल प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, “मीडिया रिपोर्ट्स से हमें मुकेश अंबानी की कंपनी र्इ-काॅमर्स सेक्टर में उतरने की जानकारी मिली है। भारत एक लाेकतांत्रिक देश है आैर सभी को अपने पसंद के हिसाब से बिजनेस करने की छूट है। लेकिन, इसी बीच बड़ा मुद्दा ये है कि जो भी र्इ-काॅमर्स प्लेटफाॅर्म लाॅन्च कर रहा है कि उसे कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए कि वो व्यापार के मूलभूत मानकों को ताक पर न रखे। उन्हें भारी छूट समेत ग्राहकों को लुभाने के लिए दूसरे हथकंडो को अपनाने से पहले सोचना चाहिए। हमने पहले भी देखा है कि कर्इ बड़ी कंपनियां केवल अपने मुनाफे के बारे में सोचती हैं। हमने सरकार से मांग की है कि वो र्इ-काॅमर्स में FDI के उन सभी नियमों को घरेलू कंपनियों पर भी लागू करे। इससे सभी कंपनियों में समानता बनी रहेगी। साथ ही, अब र्इ-काॅमर्स के लिए नियामकीय प्राधिकरण बनाने की भी जरूरत है ताकि देश के र्इ-काॅमर्स बाजार को रेगुलेट किया जा सके। इससे छोटे कारोबारियों के हितो को भी फायदा होगा।”


डेटा लोकलाइजेशन पर भी बोले मुकेश अंबानी

बताते चलें कि माैजूदा समय में देश के रिटेल बाजार में रिलायंस के 4,000 स्टोर्स, 50 वेयरहाउस आैर 4,000 रिलायंस जियो आउटलेट्स हैं। आने वाले दिनों में कंपनी इसे 10,000 तक बढ़ाने का लक्ष्य रखी है। अंबानी के इस प्लान का सीधा मतलब है कि विदेशी आॅनलाइन कंपनियों के लिए मुश्किलें खड़ी होने वाली है। अंबानी ने भारत में डेटा लोकलाइजेश को लेकर भी बात किया। मुकेश अंबानी ने गुजरात में कहा, “अाज के नए दौर में डेटा ही नया ‘तेल’ है। डेटा ही नया धन है। भारत का डेटा भारत में ही होना चाहिए आैर इसे भारतीयों द्वारा ही कंट्रोल किया जाना चाहिए। इसे काॅर्पोरेटर्स, खासतौर पर वैश्विक काॅर्पोरेटर्स द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाना चाहिए।” उन्होंने अागे कहा, “आज के डेटा क्रांति में हमें भारतीय डेटा के स्टोर आैर प्रबंधन का काम भारत के तरफ ही मोड़ना चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो हमें भारत का धन भारत में ही रखना चाहिए।”

Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो