हजारो कारोबारी हुए शामिल अमेज़न और फ्लिपकार्ट के व्यापारिक मॉडल के एवं सरकार की एफडीआई नीति के घोर उल्लंघन के खिलाफ जोरदार आवाज़ उठाते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज दिल्ली के जंतर मंतर पर एक बड़ा प्रदर्शन किया जिसमें दिल्ली एवं अन्य राज्यों के हजारों व्यापारी शामिल हुए !प्रदर्शनकारी व्यापारियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा की अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट द्वारा अपनी नापाक व्यापारिक नीतियों से देश के रिटेल बाजार पर कब्ज़ा जमाने का एक बड़ा षड़यत्र रचा जा रहा है जिसके कारण से देश के व्यापारियों के व्यापार पर बेहद बुरा असर पड़ा है इन कम्पनियॉं द्वारा एफडीआई पालिसी 2016 के प्रेस नोट न.२ जिसका स्पष्टीकरण वर्ष 2018 में दिया गया था के प्रावधनों के खिलाफ अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट लागत से भी काम मूल्य पर माल बेचना, भारी डिस्काउंट देना, पोर्टल पर बिकने वाले सामान पर नियंत्रण रखना, अपनी मनमर्ज़ी के विक्रेताओं द्वारा सामान की बिक्री करवाना और अनेक उत्पादों को केवल अपने पोर्टल पर ही बेचना जैसे काम कर रही हैं जो एफडीआई नीति के विरुद्ध है जिसके कारण बड़ी संख्यां में देश भर में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हो रहे हैं, लिहाजा इन दोनों कंपनियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए सरकार इनको चेतवानी दे की या तो ये कंपनियां एफडीआई नीति का अक्षरश पालन अविलम्ब करे और यदि ऐसा नहीं होता है तो इन दोनों कंपनियों को भारत से अपने व्यापार समेट लेने के लिया कहा जाए ।
देश के इन राज्यों से आए कारोबारी इस प्रदर्शन में दिल्ली के अलावा तमिलनाडु, आंध्रा प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, जम्मू काश्मीर, छत्तीसगढ़, पांडिचेरी, राजस्थान, उत्तराखंड आदि के व्यापारी नेताओं ने भाग लिया तथा आल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन एवं आल इंडिया कंस्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन के व्यापारी भी बड़ी संख्यां में शामिल हुए कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की ये दोनों कंपनियां अपने पोर्टल पर लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचकर और भारी डिस्काउंट देकर सरकार को हजारों करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व और प्रति वर्ष अपने व्यापार में हजारों करोड़ रुपये का नुक्सान दिखा कर सरकार को आय कर से भी वंचित कर रही हैं! कैट ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन से मांग की है की इन दोनों कंपनियों के खिलाफ कर वंचना को लेकर इनके व्यापारिक खातों की जाँच की जाए ! कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पियूष गोयल से कहा है की एफडीआई की आड़ में इन कंपनियें ने देश में किस प्रकार का निवेश किया है या फिर उस निवेश की उस राशि को भारी डिस्काउंट देने में खर्च किया है इसकी भी जांच कराई जाए ! कैट ने यह भी कहा है की इस मामले में यह भी देखा जाए की फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट अथवा किसी और का भी उल्लंघन हुआ है क्या और यदि है तो उस पर भी इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए ।