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अक्टूबर से शुरू होगा कांट्रैक्ट
मीडिया रिपोर्ट में आर्सेलर मित्तल निप्पान स्टील इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, रंजन धर ने कहा कि कंपनी ने कुछ ऑटो के कंपनियों के साथ आधे साल के कांट्रैक्ट साइन कर लिए हैं। उनके अनुसार ऑटों सेक्टर में सुधार देखने को मिल रहा है। छोटी गाडिय़ों की डिमांड में इजाफा हो रहा है। लोग अपनी पर्सनल कार को प्रिफर कर रहे हैं, इसलिए डिमांड भी है। जानकारी के अनुसार आर्सेलर मित्तल निप्पान स्टील इंडिया ने अप्रैल से लेकर सितंबर तक का कांट्रैक्ट साइन किया है, लेकिन इसका क्रियान्वयन अक्टूबर से मार्च के दौरान देखने को मिल सकता है।
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कंज्यूमर पर बढ़ेगा बोझ
रंजन धर के अनुसार स्टील कंपनियों ने ऑटो कंपनियों को पूरा फायदा नहीं दिया, जब अक्टूबर में कीमत कम हो गई थी। जिसका विरोध किया जा रहा है। कार कंपनी की मानें तो अगर स्टील की कीमत में इजाफा होता हैै तो इसका भार उन्हें कंज्यूमर पर ही डालना होगा। जो कि डिमांड में असर डालेगा। कार कंपनियों के अनुसार स्टील कंपनियां कम इंपोर्ट ड्यूटी का गलत फायदा ले रही हैं।
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कार निर्माण में इतना लगता है स्टील
जानकारी के अनुसार एक कार में औसतन 700 किलो स्टील का इस्तेमाल होता है, जो कार की कॉस्टिंग का 10 फीसदी है। अगर स्टील की कीमत में इजाफा हुआ तो असर कंज्यूमर पर देखने को मिलेगा। कीमत बढ़ेगी तो डिमांड कम होगी। आपको बता दें कि स्टील और ऑटो कंपनियों के बीच आधे साल का अनुबंध होता है।