ब्याज के साथ देनी होगी पूरी रकम
अथॅारिटी ने अपनी जांच में पाया कि मैगी के 35 ग्राम व 70 ग्राम का पैक बिल्कुल अलग होता है आैर इस बात की पूरी संभावना होती है कि कंज्यूमर्स दोनों एक साथ नही खरीदे। एेसे में एक पैक पर ग्राहकों को मिलने वाला फायदा दूसरा पैक खरीदने वाले ग्राहकों को ट्रांसफर नही किया जा सकता।। अथाॅरिटी ने मुनाफाखोरी के 90,778 रुपए पर 18 फीसदी की ब्याज के साथ इसे कंज्यूमर वेलफेयर फंड में जमा करने का आदेश दिया है। बता दें कि मैगी रिटेलर ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि 15 नवंबर 2017 को मैगी पर लगने वाले जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया था। इसके बाद कंपनी ने प्रोडक्ट बेस प्राइस को बढ़ा दिया था कि बाजार में उसकी पुरानी कीमत में कोर्इ बदलाव न आए।
क्या है मामला
डीलर ने अथाॅरिटी को अपने जवाब में कहा है कि 5 रुपए वाली मैगी के पैक के फायदे 12 रुपए वाले दूसरे पैक की कीमतों को घटाकर ग्राहकों को पास किया गया है। डीलर ने अपने जवाब में यह भी कहा कि 12 रुपए वाले पैक की कीमत में 1 रुपए की कटौती की गर्इ थी जो कि 5 आैर 10 रुपए वाले दोनों पैक पर मिलने वाले कुल फायदे से भी अधिक है। इस प्रकार दोनों पैक पर ग्राहकों को कुल 92 पैसे का फायदा मिलना चाहिए। डीलर ने बताया कि फ्रैक्शनल प्राइसिंग के चलते लीगल टेंडर से जुड़े मामलों को देखते हुए इस तरह की कटौती की गर्इ थी। हालांकि शिकायतकर्ता रिटेलर ने बाद में अपनी शिकायत काे वापस लेने की कोशिश की लेकिन अथाॅरिटी ने इसे खारिज कर दिया। अथाॅरिटी का कहना है कि इसकी जांच शुरू हो चुकी है।