गोयल ने कहा कि कोयला ब्लॉक देने की प्रक्रिया अभी पूरी तरह पारदर्शी नहीं है। इस पूरी प्रक्रिया में कई तरह के अनुपालन हैं
नई दिल्ली। इस्पात और कोयला जैसे गैर विनियमित क्षेत्रों को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने और समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए उन्हें कोयला ब्लॉकों का आबंटन नीलामी के जरिए किया जाएगा। ये उद्योग कोयला स्रोत आबंटन के मामले में गैर विनियमित क्षेत्र में आते हैं।
क्या बोले पीयूष गोयल?
बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, “इस रुपरेखा का मकसद अंतिम रुप से कोयले का उपभोग करने वाली इकाइयों को निष्पक्ष तरीके से कोयला स्रोत सुलभ कराना है। गोयल ने कहा कि कोयला ब्लॉक देने की प्रक्रिया अभी पूरी तरह पारदर्शी नहीं है। इस पूरी प्रक्रिया में कई तरह के अनुपालन हैं। उन्होंने कहा कि नीलामी की प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी और इसमें उपभोक्ताओं को समान अवसर उपलब्ध होंगे।”
7-10 दिन में शुरू होगी प्रक्रिया-
गैर विनियमित क्षेत्र इन क्षेत्रों में सीमेंट, इस्पात-स्पॉन्ज आयरल, अल्युमीनियम और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। कोयला सचिव अनिल स्वरुप ने कहा कोयला लिंकेज के लिए नीलामी की प्रक्रिया 7-10 दिन में शुरु होगी। इसे अंतिम रुप देने में दो-तीन महीने, संभवत: अप्रैल अंत तक का समय लगेगा। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि. अपना एक-चौथाई उत्पादन गैर बिजली कंपनियों को नीलामी के लिए रखेगी। “प्रस्तावित नीलामी के तरीके में मूल्य बाजार व्यवस्था के जरिए तय किया जाएगा। इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि गैर विनियमित क्षेत्र के सभी भागीदारों को कोयला लिंकेज पाने का उचित अवसर उपलब्ध हो।”
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने एक अधिसूचना में कहा, “सेज इकाईयां या डिवेलपर उन विशिष्ट सेवाओं पर किए गए स्वच्छ-भारत उपकर का रिफंड प्राप्त करने के हकदार होंगे जिसके लिए शुरु से छूट की अनुमति है, लेकिन इसके लिए दावा नहीं किया गया है।”