scriptशोक मनाने के लिए भी मिल रही ऑफिस से छूट्टी | Companies now offering bereavement leave to their employees | Patrika News

शोक मनाने के लिए भी मिल रही ऑफिस से छूट्टी

locationनई दिल्लीPublished: Sep 10, 2017 12:57:00 pm

Submitted by:

manish ranjan

कई कंपनियां किसी करीबी के गुजर जाने पर एक से पांच दिन तक की छुट्ट दे रहीं हैं। इन कंपनियों में टीसीएस, इन्फोसिस, सिप्ला और हिल्टन इंडिया शामिल है।

नई दिल्ली। आजकल कंपनियां लगातार अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले सुविधाओं को बढ़ा रहीं है। अब कंपनियां अपने कर्मचारियों को भावनात्मक सपोर्ट के लिए काउंसल करने तक की व्यवस्था करने लगी है। इसी के साथ अब कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को उनके दुख के घड़ी से उबरने के लिए भी छुट्टी देने लगी है। अब कई कंपनियां किसी करीबी के गुजर जाने पर अपने कर्मचारियों को एक से पांच दिन तक की छुट्ट दे रहीं हैं। इन कंपनियों में टीसीएस, इन्फोसिस, सिप्ला और हिल्टन इंडिया शामिल है। किसी भी शोक पर मिलने वाली छुट्टी को बिरिवमेंट लीव कहा जाता हैं।


क्या है बिरीवमेंट लीव

बिरीवमेंट लीव कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के शोक पर दिया जाने वाला लीव है। बिरीवमेंट लीव के तहत परिवार के खास लोग जैसे पति, पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन, बच्चे, दादा-दादी, नाना-नानी के मौत पर छुट्टी दिया जाता है। अन्य रिश्तेदारोंं के मौत पर ये लीव नहीं दी जाती है लेकिन कुछ चुनिंदा पेट्स की मौत पर भी बिरीवमेंट लीव दी जाती है। कुछ कंपनियां कहती है कि पेट्स भी हमारे परिवार का हिस्सा है इसलिए उनको लेकर भी शोक के लिए छुट्टी दी जानी चाहिए। इसके पहले कर्मचारियों को प्रिवलेज लीव के लिए अप्लाई करना पड़ता था।


कैसे शुरू हुए ये चलन

2015 में फेसबुक के सीओओ शेरिल शैंडबर्ग के पति की मौत के बात सीईओ मार्क जकरबर्ग ने उन्हे कहा कि वे इस दुख की घड़ी में संभालने के लिए जितना समय चाहें उतना समय ले सकती हैं। इसी के साथ फेसबुक ने अपने एचआर पॅालिसी में बदलाव करके बिरिवमेंट लीव को ट्रेंड शुरू किया। इस बात को शैंडबर्ग ने अपने फेसबुक पर साझा भी किया, और बताया कि बिरीवमेंट लीव के वजह से उन्हे अपने दुख से बाहर निकलने मे काफी मदद मिला। इसके बाद फेसबुक के कर्मचारियों को 20 दिन का बिरीवमेंट लीव का ऐलान हुआ। आपको बता दें कि शोक मनाने के लिए किसी भी कंपनी द्वारा दिया जाने वाले यह बसे लंबा छुट्टी हैं।


लीव न देने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं

लेकिन आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि मैटरनिटी लीव की तरह ही कर्मचारियों को बिरीवमेंट लीव देने के लिए कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। हालांकि कंपनियां दुख की घड़ी में अपने कर्मचारियों को इसलिए साथ देती हैं क्योंकि इससे कर्मचारी का कंपनी पर भरोसा बढ़ता है। और आजकल अपने कर्मचारियों को लुभाने को कोई भी मौका नहीं छोडऩा चाहती है। इसलिए बिरीवमेंट लीव देती है।

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