क्या है बिरीवमेंट लीव
बिरीवमेंट लीव कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के शोक पर दिया जाने वाला लीव है। बिरीवमेंट लीव के तहत परिवार के खास लोग जैसे पति, पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन, बच्चे, दादा-दादी, नाना-नानी के मौत पर छुट्टी दिया जाता है। अन्य रिश्तेदारोंं के मौत पर ये लीव नहीं दी जाती है लेकिन कुछ चुनिंदा पेट्स की मौत पर भी बिरीवमेंट लीव दी जाती है। कुछ कंपनियां कहती है कि पेट्स भी हमारे परिवार का हिस्सा है इसलिए उनको लेकर भी शोक के लिए छुट्टी दी जानी चाहिए। इसके पहले कर्मचारियों को प्रिवलेज लीव के लिए अप्लाई करना पड़ता था।
कैसे शुरू हुए ये चलन
2015 में फेसबुक के सीओओ शेरिल शैंडबर्ग के पति की मौत के बात सीईओ मार्क जकरबर्ग ने उन्हे कहा कि वे इस दुख की घड़ी में संभालने के लिए जितना समय चाहें उतना समय ले सकती हैं। इसी के साथ फेसबुक ने अपने एचआर पॅालिसी में बदलाव करके बिरिवमेंट लीव को ट्रेंड शुरू किया। इस बात को शैंडबर्ग ने अपने फेसबुक पर साझा भी किया, और बताया कि बिरीवमेंट लीव के वजह से उन्हे अपने दुख से बाहर निकलने मे काफी मदद मिला। इसके बाद फेसबुक के कर्मचारियों को 20 दिन का बिरीवमेंट लीव का ऐलान हुआ। आपको बता दें कि शोक मनाने के लिए किसी भी कंपनी द्वारा दिया जाने वाले यह बसे लंबा छुट्टी हैं।
लीव न देने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं
लेकिन आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि मैटरनिटी लीव की तरह ही कर्मचारियों को बिरीवमेंट लीव देने के लिए कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। हालांकि कंपनियां दुख की घड़ी में अपने कर्मचारियों को इसलिए साथ देती हैं क्योंकि इससे कर्मचारी का कंपनी पर भरोसा बढ़ता है। और आजकल अपने कर्मचारियों को लुभाने को कोई भी मौका नहीं छोडऩा चाहती है। इसलिए बिरीवमेंट लीव देती है।