आपको इस्तेमाल के आधार पर चोरी किया जा रहा डाटा
अामतौर पर बाजार में एक स्मार्ट टीवी की आैसत कीमत 30-35 हजार रुपए है। लेकिन एेसे में ग्राहक सोचते हैं कि महत इतने रुपए में उनके ड्राइंग रूम में एक एेसी चीज आ रही जो हर मायने में स्माॅर्ट है। लेकिन अापके स्मार्ट टीवी की यह कम कीमत आपके लिए खतरा बन सकता है। दरसअल, मैन्युफैक्चरर्स आपके इस्तेमाल के आधार पर कर्इ तरह की जानकारियां इकट्ठा करते हैं आैर इसे थर्ड पार्टी को बेचते हैं। इनमें आप क्या देखना पसंद करते हैं, किस तरह के एेड देखते हैं आैर आपकी लोकेशन क्या है, जैसी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां होती है। दूसरे शब्दो में कहें तो आपके टीवी पर किसी तीसरे की नजर लगातार बनी होती है।
टीवी बेचने पर नहीं मिलता अच्छा मार्जिन
बिजनेस इनसाइडर वेबसाइट ने एक मैन्युफैक्चरर से इस संदर्भ में बात किया। मैन्युफैक्चरर ने कहा, “यह एक एेसी इंडस्ट्री है जहां 6 फीसदी तक का ही मार्जिन होता है। हमें टीवी से कमार्इ करने की जरूरत नहीं होती है। हम बस अपनी लागत ही कमा पाते हैं।” विशेष तौर पर समझें तो Vizio जैसी कंपनी की टीवी से मैन्युफैक्चरर को प्रत्येक टीवी से कुछ खास कमार्इ नहीं होती है। इससे केवल ग्राहकों को फायदा होता है। लेकिन यह कंपनी अपनी कमार्इ डेटा कलेक्शन, एडवर्टाइजिंग आैर कंज्यूमर को सीधे एंटरटेनमेंट (जैसे- फिल्में) बेचकर करते हैं। इस तरह की कंपनियों के लिए यह डेटा कलेक्शन की बात नहीं बल्कि उनके लिए टीवी बेचने के बाद मुनाफा कमाने की बात है।
मुनाफे के लिए अपनाते हैं ये तरीका
एक मैन्युफैक्चरर का कहना है कि टीवी बेचने के बाद मुनाफे के लिए हमने कुछ तरीका अपनाया है। इनमें फिल्में बेचना, शो बेचना, कुछ एेड्स बेचना शामिल है। इन्हीं मुनाफे से कंपनियों को फायदा होता है जिसके बदले आपको बेहद ही कम कीमत में इस तरह की स्मार्ट टीवी उपलब्ध होती हैं। यदि एेसा नहीं करते तो कंपनियां अपनी मार्जिन बढ़ाने के लिए टीवी की कीमतों में इजाफा करेंगी।
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