gold monetisation scheme-3
मुंबई। भारत में त्योहारी सीजन पर अक्सर दिल खोल कर सोने-चांदी की खरीदारी की जाती है, लेकिन इस साल ऐसा देखने को नहीं मिला। इस साल इसमें गिरावट नजर आई है। एक्सपर्ट्स की मानें तो लगातार कई सालों से पड़ रहे सूखे और निवेशकों की ओर से सोने-चांदी की खरीद में कमी ने खरीदारी पर बड़ा असर डाला है।
सूखे के कारण किसानों की आय में कमी आई है जिसके चलते वे शादियों के सीजन में भी सोना-चांदी नहीं खरीद पा रहे हैं। अनुमान के मुताबिक इस तिमाही के दौरान सोने की खरीदारी में बीते आठ साल की तुलना में सबसे अधिक गिरावट आ सकती है। वहीं लगातार घट रही मांग के कारण सोने का आयात बीते साल की तुलना में आधा हो सकता है।
इस महीने की बात करें तो सोने की मांग पिछले पांच साल के स्तर की तुलना में न्यूनतम स्तर पर है। वहीं एक्सपर्ट्स की मानें तो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सोने की मांग 150 से 175 टन तक रह सकती है, वहीं पिछले साल इस दौरान 201 टन सोने की खरीदारी की गई थी।