scriptइस नियम के बाद पेट्रोल गाड़ियों के मुकाबले डीजल कारें होगी 2.5 लाख रुपए महंगी | Diesel cars could cost about 2.5 lakhs more than Petrol after BS6 | Patrika News

इस नियम के बाद पेट्रोल गाड़ियों के मुकाबले डीजल कारें होगी 2.5 लाख रुपए महंगी

locationनई दिल्लीPublished: Dec 23, 2018 03:58:47 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

आज के दौर में पेट्रोल और डीजल के दाम लगभग समान होते जा रहे हैं। ऐसे में लोगों ने तेजी से पेट्रोल वाहनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

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इस नियम के बाद पेट्रोल गाड़ियों के मुकाबले डीजल कारें होगी 2.5 रुपए महंगी

नई दिल्ली। आज के दौर में पेट्रोल और डीजल के दाम लगभग समान होते जा रहे हैं। ऐसे में लोगों ने तेजी से पेट्रोल वाहनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसका सबसे कारण बीएस 4 की जगह बीएस-6 को लेकर आना भी है। 2020 से पूरे देश में लागू होने वाला BS-6 नियम देश में डीजल कारों के लिए काल साबित हो सकता है। क्योंकि इसके कारण ऑटो इंडस्ट्री और तेल कंपनियों को तकरीबन 1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

महंगी होगी डीजल कार

देश की सबसे बड़ी ऑटोमेकर कंपनी Maruti Suzuki bs6 नियमों के लागू होने के बाद अपने छोटी कारों में डीजल इंजन का इस्तेमाल बंद कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो डीजल गाड़ियों के सामने अस्तित्व का संकट भी आ सकता है। क्योंकि दूसरी कार कंपनियों ने भी ये संकेत दे दिए हैं कि वो 10 लाख रुपए तक की कीमत वाली कारों का डीजल वर्जन नहीं बनाएगी।

इसलिए महंगी होगी कारें

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि डीजल कारें आखिर क्यों इतनी महंगी हो जाएगी। इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि BS6 सिस्टम के अनुरूप डीजल इंजन की प्रॉडक्शन कॉस्ट लगभग 2.5 लाख रुपए ज्यादा है। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि डीजल गाड़ी को बीएस-6 में कन्वर्ट करना पेट्रोल के मुकाबला ज्यादा महंगा और कॉम्प्लेक्स प्रोसीजर है। डीजल के मोटर को गैसें अपेक्षाकृत करने के लिए अधिक उपकरणों की आवश्यकता होती है। इन उपकरणों के जरिए 10 पीएम और 2.5 पीएम जैसे कण रोके जा सकेंगे। साथ ही इससे नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लगेगा।

क्या है ये बीएस

बीएस का मतलब है भारत स्टेज। इसका संबंध उत्सर्जन मानकों से है। भारत स्टेज उत्सर्जन मानक खासतौर पर उन वाहनों के लिए जो प्रदूषण करते हैं हैं। इन्हें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तय करता है। भारत सरकार ने वर्ष 2000 से बीएस उत्सर्जन मानक की शुरुआत की थी। भारत स्टेज यानि भारत स्टैंडर्ड मानदंड यूरोपीय नियमों पर आधारित है।

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