एक महीने का मिला है समय
एफडीआई ने इन बदलावों की घोषणा 26 दिसंबर 2018 को की थी और सभी कंपनियों को एक महीने का समय दिया था, लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियों ने सरकार से मांग की है कि इन नियमों की डेडलाइन बढ़ा दी जाए, क्योंकि इतने कम समय में इन नियमों को बदलना संभव नहीं है।
करने है दो बड़े बदलाव
आपको बता दें कि एक व्यक्ति ने बातचीत में बताया कि कंपनियों को लागू किए गए नए नियमों को अच्छे से समझना होगा। उसके बाद ही हम इऩ नियमों को बदल पाएंगे। इन बदले हुए नियमों में दो क्लॉज ऐसे हैं, जिनमें बड़े बदलाव करने होंगे और बड़े बदलावों को करने के लिए ज्या समय की आवश्यक्ता है।
सस्ते दामों में खरीदती हैं सामान
ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट प्रत्यक्ष रुप से इनवेंटरी पर कंट्रोल रखती हैं। यह कंपनियां सस्ती दरों पर मैन्युफैक्चरर्स से थोक खरीदारी करती हैं और माल को सस्ते दामों में खरीद कर प्रेफर्ड सेलर्स के जरिए अपने मार्केटप्लेस में बेच देती हैं। फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन ने कहा कि वह भारतीय नियमों का पालन करेंगी और जल्द ही दोनों कंपनियां प्लानिंग करके डेडलाइन को आगे बढ़ाने की बात सरकार के सामने रखेगीं।
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