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नकली सामान बेच रही थी ये ई-कॉमर्स कंपनी, हाईकोर्ट ने दिया यह कड़ा आदेश

locationनई दिल्लीPublished: Nov 05, 2018 02:31:41 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

अदालत ने कहा है कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि ई-कॉमर्स वेबसाइटें और ऑनलाइन बाजार अगर प्राप्त छूट का लाभ लेते रहना चाहते हैं तो उन्हें सतर्कता के साथ काम करने की जरूरत है।

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक ई-कॉमर्स कंपनी को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके प्लेटफार्म के जरिए बिकने के वाला हर सामान असली हो। अदालत ने ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट पर लोकप्रिय ब्रांड के नकली सामानों की बिक्री पर अंकुश लगाने के इरादे से यह कदम उठाया है। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि ई-कॉमर्स की दुनिया में ट्रेडमार्क मालिकों के समक्ष चुनौतियां हैं क्योंकि नियमों का उल्लंघन कर उत्पाद बेचने वाले विक्रेता ई-कॉमर्स मंच की वैधता की आड़ में काम करते हैं। जो साइट नकली सामान बेचने जैसे गैर-कानूनी कार्यों में शामिल हैं या उसे बढ़ावा देती हैं अथवा साजिश करती हैं, उन्हें बख्शा नहीं जा सकता। अदालत ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि ई-कॉमर्स वेबसाइटें और ऑनलाइन बाजार अगर प्राप्त छूट का लाभ लेते रहना चाहते हैं तो उन्हें सतर्कता के साथ काम करने की जरूरत है।
क्या है मामला

अदालत ने महिलाओं के जूते-चप्पल के लग्जरी ब्रैंड ‘क्रिस्टियान लोबोटिन’ की तरफ से ट्रेडमार्क उल्लंघन को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए ये बातें कही हैं। याचिका में दावा में किया गया था कि भारत में काम कर रही ई-कॉमर्स साइट डारवेज.कॉम ‘क्रिस्टियान लोबोटिन’ के नाम पर नकली सामान बेचती है। याचिकाकर्ता की दलीलों पर गौर करते हुए अदालत ने अन्य बातों के अलावा डारवेज.कॉम से अपनी वेबसाइट पर सामान बेच रहे विक्रेता के संपर्क के साथ उसके बारे में पूरा ब्योरा देने को कहा। इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनी को यह भी निर्देश दिया है कि वह विक्रेताओं से इस ब्रात प्रमाणपत्र लें कि जो सामान वे बेच रहे हैं, पूरी तरह सही है।
अमेजन, फ्लिपकार्ट को भी मिल चुका है नोटिस

हाल ही में ऑनलाइन प्लेटफार्म अमेजन और फ्लिपकार्ट को भी नकली सौंदर्य प्रसाधन (कॉस्मेटिक) बेचने के मामले में भारतीय औषधि नियंत्रक (डीजीसीआई) की ओर से नोटिस भेजा जा चुका है। डीजीसीआइ ने 5-6 अक्टूबर को छापेमारी में नकली कॉस्मेटिक बनाने का सामान बरामद किया था। पता चला था कि यह उत्पाद ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बेचे जाते हैं। नियामक ने दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए दोनों कंपनी से सफाई मांगी थी।
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