बिना अनुशंसा दिए गए कोल ब्लॉक अधिकारियों ने कहा कि 13 नवंबर, 2006 को कोयला मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञापन के परिपेक्ष्य में जेएसपीएल और जीएसआईपीएल ने प्रस्तावित 1000 मेगावाट ऊर्जा संयत्र के लिए झारखंड के अमरकोंडा-मुर्गादंगल में स्थित कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए जनवरी 2017 में आवेदन दाखिल किया था। अधिकारी ने कहा कि जांच से खुलासा हुआ कि ऊर्जा मंत्रालय ने जिंदल ग्रुप की कंपनियों को अमरकोंडा-मुर्गादंगल कोयला ब्लॉक के आवंटन की अनुशंसा नहीं की थी। यहां तक कि झारखंड सरकार ने शुरुआत में इन ब्लॉकों के आवंटन के लिए लांसो इंफ्राटेक, जीएसआईपीएल और जेएसआईपीएल की अनुशंसा की थी, लेकिन बाद में झारखंड सरकार ने जेएसपीएल और जेएसआईपीएल के पक्ष में अपनी अनुशंसा बदल दी थी।
नवीन जिंदल के ग्रुप ने दी गलत जानकारी अधिकार ने कहा कि जांच से यह भी खुलासा हुआ कि जेएसपीएल ने समूह की कंपनियों के समक्ष पहले के कोयला ब्लॉक से संबंधित तथ्यों की गलत जानकारी दी। आरोप-पत्र में कहा गया है कि तत्कालीन केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री दिवंगत दासारि नारायण राव ने कोयला सचिव को 27 जुलाई, 2007 को एक ‘फेवरेबल नोट’ लिखा था। यह इसके बावजूद किया गया, जब दोनों कंपनियों को उनकी खराब तैयारियों के मद्देनजर ऊर्जा मंत्रालय की ओर से अनुशंसित नहीं किया गया था। अधिकारी ने कहा कि जिंदल समूह की कंपनियों के पक्ष में आवंटन के तुरंत बाद, नई दिल्ली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड ने राव के स्वामित्व वाले सौभाग्य मीडिया लिमिटेड में इसके बदले दो करोड़ रुपए निवेश किए। एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना जिंदल समूह की कंपनियों के दिशानिर्देश के बाद सुरेश सिंघल ने की थी।
आरोप पत्र में इन लोगों के नाम शामिल आरोप-पत्र में जेएसपीएल के तत्कालीन सलाहकार आनंद गोयल, निहार स्टॉक्स लिमिटेड के निदेशक बीएसएन सूर्यनारायण, मुंबई एस्सार पॉवर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुशील कुमार मारू, जेएसपीएल के उप प्रबंधक (वित्त) सिद्धार्थ मादरा, उप महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल, सौभाग्य मीडिया लिमिटेड, नई दिल्ली एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, जिंदल रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, निहार स्टॉक्स लिमिटेड के रामकृष्णन प्रसाद, राजीव जैन, ज्ञान स्वरूप गर्ग के भी नाम हैं।