उन्होंने कहा कि मनी लौंड्रिंग रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुंबई में एक विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को यह आरोपपत्र दायर किया गया।
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ईडी इसी अधिनियम के तहत कई संपत्तियों, बैंक खातों तथा दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और ब्रुसेल्स में स्थित कई अचल संपत्तियों को भी कुर्क करने के प्राथमिक आदेश जारी कर चुका है। ये अचल संपत्तियां वाणिज्यिक और आवासीय हैं तथा आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशकों रवि पार्थसारथी, रमेश बावा, हरि शंकरन, अरुण साहा और रामचंद करुणाकरन के पास हैं।
अधिकारियों ने कहा कि एयरसेल के संस्थापक सी शिवशंकरन द्वारा अपने परिजनों तथा समूह की कंपनियों के नाम पर परोक्ष तौर पर रखी गयी कुछ संपत्तियों को भी कुर्क किया गया है। कुर्क की गयी संपत्तियों का कुल मूल्य करीब 570 करोड़ रुपये है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने इस साल फरवरी में मनी लौंड्रिंग का मामला दायर किया था।
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ईडी ने आरोपपत्र में कहा कि आईएलएंडएफएस का वरिष्ठ प्रबंधक/अधिकारी कमिशनखोरी जैसे गैरकानूनी कृत्य में लिप्त था तथा कंपनी की लागत पर निजी फायदा कमाया। उसने कहा, “आपस में तथा विभिन्न निजी निकायों के प्रवर्तकों के साथ आपराधिक सांठगांठ के जरिये वे स्थापित नियमों के उल्लंघन में लिप्त रहे तथा पहले से कर्ज में फंसी कंपनियों को उन्होंने बड़े कर्ज दिये। ये कर्ज ऐसी कंपनियों को भी दिये गये जो पहले ही आईएफआईएन से लिये कर्ज के भुगतान में चूक कर चुकी थीं।”
एजेंसी ने कहा, “उन्होंने यही आपराधिक तरीका अपनाते हुए शिवशंकरन के साथ साजिश की और शिवा ग्रुप की कंपनियों को कथित तौर पर गलत तरीके से दिए गए कर्जों में से अभी 494 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हो सकी है।” ईडी ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 से 2017-18 के दौरान आईएफआईएन का प्रदर्शन नकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद भी प्रबंधन के वरिष्ठ लोगों को कंपनी के कार्यप्रर्दशन पर आधारित भुगतान, डेप्यूटेशन खर्च और कमीशन में भारी वृद्धि की गयी। आने वाले समय में एजेंसी (ईडी) इस मामले में और आरोपपत्र दायर कर सकती है।
(नोट: यह खबर न्यूजन एजेंसी फीड से प्रकाशित की गई है। पत्रिका बिजनेस ने इसमें हेडलाइन के अतिरिक्त कोई अन्य बदलाव नहीं किया है।)