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आयकर रिटर्न में नहीं देनी होगी विदेशी यात्रा खर्च की जानकारी

Published: May 31, 2015 03:55:00 pm

नए
सरलीकृत फॉर्म जून महीने के तीसरे सप्ताह से ई-फाइलिंग के लिए उपलब्ध
होंगे

income tax

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नई दिल्ली। सरकार ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म में सुधार करते हुए अब इसमें विदेशी यात्राओं, इसके दौरान हुए खर्च और बैंक खातों में जमा राशि के विवरण देने का प्रावधान हटा दिया है। वित्त मंत्रालय ने रविवार को बताया कि व्यक्तिगत आयकरदाताओं और अविभाजित हिंदू परिवारों के लिए आईटीआर दाखिल करने के फॉर्म-2 को सरल बनाया गया है और साथ ही एक नया फॉर्म 2ए लाया गया है। ये दोनों मुख्य फॉर्म तीन पन्नों से ज्यादा के नहीं होंगे और जहां अतिरिक्त सूचनाओं की आवश्यकता होगी उसे अलग से इसमें संलग्न किया जाएगा।

मंत्रालय ने बताया कि आईटीआर 2 तथा 2ए में अब सिर्फ पासपोर्ट नंबर भरना होगा। उल्लेखनीय है कि इस साल 15 अप्रेल को सरकार ने आईटीआर 1, 2 और 4एस अधिसूचित किया था तो जिसमें विदेशी यात्राओं का पूरा विवरण और इस दौरान हुए खर्च का ब्यौरा देने का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा इसमें बैंक खातों की पूरी जानकारी तथा उसमें जमा राशि का विवरण देने का भी प्रावधान था। अब इसकी जगह सिर्फ बैंक का आईएफसी कोड और खाता संख्या देनी होगी, साथ ही तीन साल से ज्यादा निष्क्रिय पड़े खातों की जानकारी भी नहीं देनी होगी।

नए सरलीकृत फॉर्म जून महीने के तीसरे सप्ताह से ई-फाइलिंग के लिए उपलब्ध होंगे। सरकार ने बताया कि अभी इसके लिए सॉफ्टवेयर अपडेट किया जा रहा है। उसने बताया कि फॉर्माें की उपलब्धता में देरी के कारण आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अगस्त करने का भी प्रस्ताव है जिसके बारे में अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 15 अप्रेल को जारी अधिसूचना में आयकर रिटर्न फॉर्म में जरूरत से ज्यादा निजी जानकारी मांगे जाने को लेकर इसकी काफी आलोचना हुई थी जिसके बाद सरकार ने फॉर्म में बदलाव कर इसे सरल बनाने का आश्वासन दिया था।

आयकर सीमा से छूट प्राप्त लोगों को अब आईटीआर एक(सहज) भरना होगा साथ ही व्यक्तिगत करदाताओं और अविभाजित हिंदू परिवारों के लिए आईटीआर 4एस (सुगम) का प्रावधान किया गया है। भारत में कारोबार, रोजगार या अध्ययन के उद्देश्य से अस्थायी रूप से रह रहे लोगों को अब यहां आने से पहले की अपनी पुरानी संपत्ति के बारे में भी जानकारी नहीं देनी होगी, बशर्ते उस संपत्ति से उन्हें पिछले वित्त वर्ष के दौरान कोई आमदनी न हुई हो।
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