नई दिल्लीPublished: Apr 27, 2018 05:33:49 pm
Saurabh Sharma
फिच ने अनुमान लगाया है कि देश की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 में 7.3 फीसदी रहेगी, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में यह बढ़कर 7.5 फीसदी हो जाएगी।
Fitch Rating
नई दिल्ली। नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी और उसके बाद 2017 में जीएसटी लागू करने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का खामियाजा देश को अभी तक भुगतना पड़ रहा है। इंटरनेशनल क्रेडिट एजेंसी फिच आईडीआर को माइनस में कर दिया है। वैसे एजेंसी का मानना है कि भारत के लिए अभी तक माहौल पूरी तरह से अनुकूल है। वहीं एजेंसी ने मौजूदा वित्तीय वर्ष और 2018-19 के वित्तीय वर्ष जीडीपी के बढ़ने का अनुमान लगाया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर फिच ने अपनी रिपोर्ट क्रेडिट रेटिंग में क्या कहा है और भारत की आने वाले सालों में किस तरह की अर्थव्यवस्था का अनुमान लगाया है।
माइनस में की क्रेडिट रेटिंग
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने शुक्रवार को भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफाल्ट रेटिंग (आईडीआर) को बीबीबी- (माइनस) कर दिया है, जबकि दृष्टिकोण को स्थिर रखा है। फिच ने यहां एक बयान में कहा, “भारत की रेटिंग मध्यम अवधि के विकास दृष्टिकोण, अनुकूल बाहरी संतुलन के साथ कमोजर राजकोषीय वित्त और कुछ हानिकारक संरचनात्मक कारकों को ध्यान में रखते हुए दी गई, जिसमें सरकार के मानकों और व्यापार वातावरण में हो रहे सुधार को भी ध्यान में रखा गया है।”
भारत के लिए अनुकूल माहौल
फिच ने कहा कि भारत के क्रेडिट प्रोफाइल का समर्थन करने के लिए एक अनुकूल आर्थिक विकास दृष्टिकोण बरकरार है, हालांकि आधिकारिक प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक 31 मार्च, 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वास्तविक वृद्धि दर गिरकर 6.6 फीसदी रही है, जोकि वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी थी।
फिच ने लगाया भारत की अर्थव्यवस्था का अनुमान
वहीं दूसरी ओर वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ, एशियन बैंक और आरबीआई के बाद भारत की अर्थव्यवस्था का अनुमान लगाया है। फिच ने अनुमान लगाया है कि देश की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 में 7.3 फीसदी रहेगी, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में यह बढ़कर 7.5 फीसदी हो जाएगी, क्योंकि वर्तमान में अर्थव्यवस्था की रफ्तार में आई गिरावट का मुख्य कारण साल 2016 के नवंबर में लागू की गई नोटबंदी और साल 2017 के जुलाई में लागू किया गया वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) है।