नई दिल्ली। आज देश की तमाम आईटी कंपनियां कॉस्ट कटिंग और बेहतर एफिशियंसी के मकसद से बड़ी तादाद में टेंपरेरी स्टाफ भर्ती कर रही हैं। यह सिर्फ आईटी सेक्टर की बात नहीं है। दूसरे सेक्टर में फ्रीलांस से काम कराने का चलन तेजी से बढ़ा है। आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि इस वक्त देश में करीब डेढ़ करोड़ ऐसे वर्कर हैं, जो स्थायी नौकरी की बजाय अस्थायी नौकरी या टेंपरेरी जॉब को प्राथमिकता देते हैं। अगर आप भी नौकरी से परेशान हैं तो फ्रीलांस को चुन सकते हैं। शशिकला मामले में फंसी DG जी. रूपा ने माफ़ी मांगने से किया इनकार, देखें वीडियो- इन सेक्टर्स में सबसे अधिक है डिमांड अगर आप फ्रीलांस वर्कफोर्स का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आपको अपनी स्किल के हिसाब से शुरुआत करनी होगी। आईटी सर्विसेज के अलावा आर्टिकल राइटिंग, एजुकेशन एंड ट्रेनिंग और कंप्यूटर एनिमेशन जैसे सेक्टरों में आप काम ढूंढ सकते हैं। इसके अलावा ग्राफिक डिजाइनिंग, सर्च इंजन जैसे काम भी बड़ी तादाद में मौजूद हैं। फ्रीलांस में क्या है चैलेंज फ्रीलांस जॉब में हो सकता है किसी महीने आपकी इनकम बेहद अच्छी हो जाए और अगले महीने आपको खाली हाथ रह जाना पड़े। अगर आप इस तरह के उतार-चढ़ाव को झेलने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं, तो फिर दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे इस सेक्टर में आपका स्वागत है। हालांकि अगर आपमें कोई स्पेशल स्किल है, आप अपने विषय में एक्सपर्ट हैं और आपको अपने टैलेंट पर भरोसा है, तो फिर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। अमरीका में 4 करोड़ लोग फ्रीलांस एमबीओ पार्टनर्स के स्टेट ऑफ इंडिपेंडेंस इन अमरीका सर्वे के मुताबिक, अमरीका में करीब 4 करोड़ लोग फ्रीलांसर हैं और इनमें से करीब अस्सी लाख लोग सालाना एक लाख डॉलर से ज्यादा कमा रहे हैं। अमरीकी में फ्रीलांस वर्कफोर्स की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कुल प्राइवेट नौकरियों का करीब 31 फीसदी हिस्सा इंडिपेंडेंट वर्कफोर्स का है। इसी सर्वे में शामिल टेंपररी वर्कफोर्स के 74 फीसदी लोगों ने बताया कि वो अपने काम और लाइफस्टाइल से बेहद संतुष्ट हैं।