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‘महाराजा’ को बेचने के लिए सरकार ने तेज की कोशिशें, जून तक मांगी एअर इंडिया की वित्तीय रिपोर्ट

एअर इंडिया के ऊपर करीब 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा पिछले साल मई में एअर इंडिया के विनिवेश की कोशिश असफल होने के बाद जून में इसे कुछ समय के लिये टालने का निर्णय लिया गया था।
मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एअर इंडिया की तीन इकाइयों के विनिवेश की प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिये जाने के बाद यह निर्देश दिया है।

नई दिल्लीMay 12, 2019 / 08:31 am

Ashutosh Verma

‘महाराजा’ को बेचने के लिए सरकार ने तेज की कोशिशें, जून तक मांगी एअर इंडिया की वित्तीय रिपोर्ट

नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय ( Ministry of Civil Aviation ) ने सरकारी विमानन कंपनी को अपना और अपनी अनुषंगियों के लिये वित्त वर्ष 2018-19 का लेखा- जोखा जून अंत तक तैयार करने को कहा है। एक आधिकारिक दस्तावेज में इसकी जानकारी मिली है। मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय ( PMO ) द्वारा एअर इंडिया ( air india ) की तीन इकाइयों के विनिवेश (Air India disinvestment ) की प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिये जाने के बाद यह निर्देश दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ( Arun Jaitley ) की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा पिछले साल मई में एअर इंडिया के विनिवेश की कोशिश असफल होने के बाद जून में इसे कुछ समय के लिये टालने का निर्णय लिया गया। समिति ने इसके बाद कंपनी में पैसा लगाने तथा जमीन एवं अन्य संपत्तियां बेचकर कर्ज कम करने का निर्णय लिया।

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एअर इंडिया पर करीब 55 हजार करोड़ रुपए का कर्ज

एअर इंडिया के ऊपर करीब 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में इस साल एक अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक बैठक हुई जिसमें एअर इंडिया तथा उसकी अनुषंगियों के रणनीतिक विनिवेश के संबंध में चर्चा की गयी। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने एअर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्वनी लोहानी को छह मई को लिखे एक पत्र में कहा, “प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक अप्रैल को एक बैठक हुई जिसमें एयर इंडिया की तीन अनुषंगियों एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और एयरलाइन अलाय्ड सर्विसेज लिमिटेड की विनिवेश की प्रक्रिया तेज करने का निर्णय लिया गया।”

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सावधानी से तैयार करें एअर इंडियी की वित्तीय रिपोर्ट- खरोला

खरोला ने कहा कि एअर इंडिया और अनुषंगियों की विनिवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये उनके 2018- 19 के आडिट किये वित्तीय लेखा-जोखा की जरूरत होगी। “इस लिये मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया एअर इंडिया और उसकी अनुषंगियों के 2018- 19 के वित्तीय परिणाम को जून के आखिर तक अंतिम रूप दें दें।” उन्होंने कहा कि चूंकि 2018-19 का वित्तीय लेखा-जोखा कंपनी के लिये निविदा का आधार होगा, इसलिये यह आवश्यक हो जाता है कि इन्हें सावधानी से तैयार किया जाये ताकि इससे सही वित्तीय स्थिति का पता चल सके।

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सचिव ने एअर इंडिया के सीएमडी को यह भी कहा है कि सभी लंबित विवादों की भी एक सूची तैयार की जानी चाहिये। सरकार ने एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को तेजी से आगे बढाने के लिये 28 फरवरी की मंत्रिमंडल की बैठक में एक विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) बनाने को मंजूरी दे दी थी। इसका नाम –एअर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड– रखा गया। इस निकाय को एअर इंडिया का 29,464 करोड़ रुपये का कर्ज और उसकी चार अनुषंगियों हस्तांतरित की गईं। चार अनुषंगियों में एआईएटीएसएल, एएएसएल, एआईईएसएल और होटल कापोर्रेशन आफ इंडिया (एचसीआई) शामिल हैं।

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