क्या है मांग नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अशवनी राणा के मुताबिक 22 अगस्त 2017 की राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल पूर्ण रूप से सफल रही। इस हड़ताल का आहवाहन बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के संयुक्त संघठन , यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने किया है। इसमे 5 कर्मचारियों के और 4 अधिकारी संगठन शामिल हैं और इन संगठनों के 10 लाख बैंक कर्मचारी अधिकारी शामिल हुए तथा बैंकों की 1.50 लाख ब्रांचों के काम काज पर इसका असर हुआ।
बैंकों का निजीकरण ना किया जाये।
बैंको का मर्जर ना किया जाये।
बैंक कर्मचारियों की ग्रेचुइती 20 लाख की जाये।
बैंकों में सभी पदों पर भर्ती की जाये ।
बैंकों में अनुकंपा आधार पर नियुक्तियां की जाएं।
नोटबंदी के दौरान किये गये अतिरिक्त काम का ओवरटाइम दिया जाये ।
बैंको का मर्जर ना किया जाये।
बैंक कर्मचारियों की ग्रेचुइती 20 लाख की जाये।
बैंकों में सभी पदों पर भर्ती की जाये ।
बैंकों में अनुकंपा आधार पर नियुक्तियां की जाएं।
नोटबंदी के दौरान किये गये अतिरिक्त काम का ओवरटाइम दिया जाये ।
आगे भी हो सकती है हड़ताल अशवनी राणा के मुताबिक सरकार के पास यदि मर्जर को लेकर कोई प्रपोसल है तो वो इसे सभी स्टेक होल्डर (बैंक मैनजेमेंट, बैंक कर्मचारी यूनियन ओर बैंकों के शेयर होल्डर)के साथ बात करे। सरकार द्वारा इस हड़ताल को टालने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाए गए। इसलिए इस हड़ताल के कारण कस्टमर्स को होने वाली दिक्कतों के लिए सीधे सरकार जिम्मेवार है। क्योंकि यूनियंस ने इस हड़ताल के लिए 3 अगस्त को नोटिस दिया था। यदि सरकार इन मांगों को नही मानती तो आने वाले दिनों में और भी हड़ताल हो सकती हैं।
जीएसटी ट्रेडर्स को भी परेशानी
बैंक कर्मियों की हड़ताल से जीएसटी पोर्टल की सुस्ती से परेशान टे्रड-इंडस्ट्री को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इस हड़ताल से सभी तरह के बैंकिंग ट्रांजैक्शन पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात उन करोबारियों के लिए है जिनको 25 अगस्त तक जुलाई महीने का जीएसटी जमा करना हैं।
बैंक कर्मियों की हड़ताल से जीएसटी पोर्टल की सुस्ती से परेशान टे्रड-इंडस्ट्री को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इस हड़ताल से सभी तरह के बैंकिंग ट्रांजैक्शन पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात उन करोबारियों के लिए है जिनको 25 अगस्त तक जुलाई महीने का जीएसटी जमा करना हैं।