एअर इंडिया पर 55 हजार करोड़ का कर्ज
मौजूदा समय में एअर इंडिया पर करीब 55 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। पिछले साल नवंबर माह में, वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली मंत्रियों के एक पैनल ने एअर इंडिया की एक कंपनी ‘स्पेशल पर्पल व्हीकल’ को 29 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ट्रांसफर करने का फैसला लिया था। एक न्यूज एजेंसी काे वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम एअर इंडिया के विनिवेश से 1 अरब डाॅलर जुटाने के प्रयास में हैं”
पहले भी सरकार ने की थी विनिवेश की तैयारी
पिछले साल मर्इ माह में महाराजा एयरलाइंस के विनिवेश की कोशिश की गर्इ थी। जेटली की अध्यक्षता वाले पैनल ने मर्इ माह में कुछ समय के लिए कंपनी के स्टेक बेचने के प्लान को टाल दिया था। सरकार ने फैसला किया था कि एअर इंडिया में कुल फंड्स का निवेश कर कर्ज का बोझ कम किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने कंपनी के दूसरी संपत्तियों काे बेचने का भी फैसला किया था। सरकार ने पहले इस राष्ट्रीय विमान कंपनी में अपने इक्विटी शेयर कैपिटल 76 फीसदी तक कम करने का प्लान बनाया था। साथ ही कंपनी के प्रबंधन से जुड़े फैसलों को भी प्राइवेट कंपनियों को सौंपने का फैसला किया था। उस दौरान खरीदार को एअर इंडिया में 24 हजार करोड़ रुपए कर्ज का बोझ उठाना था जिसके साथ 8 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त देनदारी थी। हालांकि, उस दौरान सरकार द्वारा स्टेक बेचने का फैसला पूरी तरह से फेल हो गया है।
विनिवेश के पैसे से कर्ज भरेगी सरकार
अगस्त 2018 में, सरकार को संसद से एअर इंडिया से 980 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी। इस माह में के शुरुआत में ही संसद ने 2,345 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। मंत्रियों के समूह ने पहले ही एअर इंडिया के सेल की मंजूरी दे दी है जिसमें कंपनी के दूसरी र्इकार्इयों को भी बेचने का प्रस्ताव शामिल है। इनमें एअर इंडिया एअर ट्रांसपोर्ट सेवाएं शामिल हैं। एअर इंडिया इंजिनियरिंग सेवाआें को भी बेचने का प्लान है। इन संपत्तियों को बेचने के बाद जमा हुए राशि को SPV को दिया जो आैर विमान कंपनी पर कर्ज के बोझ को भी कम किया जाएगा।
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।