आगामी लोकसभा सरकार कर सकती है लाॅन्च
केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर शिपिंग मंत्रालय आैर नीति आयोग एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सरकार इस परियोजना को लाॅन्च कर देना चाहती है। सरकार ये समयसीमा इसलिए भी तय करना चाहती है ताकि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले नौकरियों को लेकर किए अपने वादे को पूरा करने के साथ ही आगामी चुनाव में उतरे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, एम्प्लाॅयमेंट जोन में कर्मचारियों के लिए टैक्स हाॅलीडे, कैपिटल सब्सिडि, सिंगल-विंडो क्लियरेंस आदि जैसे फिस्कल व नाॅन-फिस्कल इन्सेंटिव्स भी होंगे।
कुल 35 इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने की तैयारी
शिपिंग मंत्रालय ने अभी तक देशभर में कुल 14 नेशनल एम्प्लाॅयमेंट जोन का प्रस्ताव तैयार किया है। इनमें से अधिकतर जोन कोस्टल राज्यों में होंगे जहां व्हीकल रूट को लेकर व्यवस्था है। इन जोन्स में फूड, सीमेंट, फर्नीचर, आैर इलेक्ट्रिकल्स जैसे कुल 35 इंडस्ट्रीयल क्लस्टर होंगे। इनके अलावा गार्मेंट, लेदर व जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे कुछ लेबर इन्टेन्सिव सेक्टर भी होंगे।
केंद्र व राज्य एक साथ मिलकर करेंगे खर्च
इस प्रस्ताव को लेकर शिपिंग मंत्रालय ने एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमेटी (र्इएफसी) को इसके बारे में एक नोट भी भेज दिया है। शुरुअाती अनुमान के मुताबिक, इन सभी जोन में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेटअप करने में करीब 1 लाख करोड़ रुपए खर्च होना है। इन खर्च का वहन केंद्र व राज्य सरकार करेंगी। साथ ही राज्यों को करीब 2 हजार करोड़ एकड़ जमीन भी मुहैया करानी होगी। इसके अलावा, भारत कर्इ मल्टीलेटरल एजेंसियों से भी इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग मांग सकती है। एक अनुमान के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए निवेशकों की तरफ से करीब 4 लाख करोड़ रुपए भी आ सकते हैं।