टैक्स रिटर्न फाइलिंग की धीमी गति जीएसटी को लेकर जो सबसे बड़ी दिक्कत देखने को मिली वो रही कारोबारियों के टैक्स रिटर्न भरने पर। अगर पूरे साल के आकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है कि कारोबरियों की ओर से टैक्स रिटर्न भरने की गति काफी धीमी रही। जीएसटी लागू होने के तुरंत बाद यानी जुलाई 2017 में कुल 56.8 लाख टैक्स रिटर्न दाखिल कए गए। इसके बाद अगस्त, से लेकर नंवबर तक ये आंकड़ें गिरते चले गए। अगस्त के महीने में आंकड़ा घटकर 54 लाख पर आ गया। इसके बाद सितंबर में यह और घटा, इस महीने मे केवल 47.4 लाख रिटर्न भरे गए। हालांकि मार्च 2018 से इसमें थोड़ा सुधार देखा गया और यह आंकड़ां 62.5 लाख तक पहुंचा। लेकिन सरकार को अभी भी इसपर ध्यान देने की जरुरत है।
मंहगाई हुई दोगुनी जीएसटी लागू होने के समय जुलाई 2017 में खुदरा महंगाई दर 2.36% थी। एक महीने बाद अगस्त 2017 में ये दर 3.36% पहुंच गई जो 5 महीने में सबसे ज्यादा थी। जीएसटी के 11 महीने बाद मई 2018 में महंगाई दर 4.87% रही। ये आंकड़ें साफ बताते है कि जीएसटी लागू होने के बाद से अब महंगाई करीब दोगुनी हो चुकी है।