यूपीए सरकार ने भी इस प्रस्ताव पर किया था काम
सरकार की तरफ से उठाया गया यह कदम कोर्इ आश्चर्चजनक नहीं है क्योंकि बीते कर्इ महीनों से वाहनों पर र्इंधन कैटेगरी स्टीकर्स के साथ इस बदलाव की भी चर्चा थी। यूपीए सरकार ने साल 2005 में पहली बार हार्इ-सिक्योरिटी प्लेट्स की प्रस्ताव लेकर आर्इ है, हालांकि साल 2012 में इसे अनिवार्य कर दिया गया था। इसके बाद सरकार ने इसे लागू करने के लिए कुछ खास प्रयास नहीं किया था। एेसा इसलिए हुअा क्योंकि आमतौर पर नंबर प्लेट की जिम्मेदारी वाहन खरीदार की होती है जिसे किसी अधिकृत वेंडर से प्लेट लगवानी होती है।
नए प्लेट में होंगी ये सुविधाएं
लेकिन अब इस नियम के लागू होने के बाद वाहन निर्माताआें को ही निर्माण के दौरान नबंर प्लेट लगाने होंगे। साथ ही इस नोटिफिकेशन में राज्य सरकारों को भी निर्देश दिया गया है कि वो डीलर्स से पुरानी वाहनों के लिए एचपीआरएस लगवाने का आदेश दें। इस ड्राफ्ट में एचपीआरएस को लेकर विशेष विवरण के बारे में जानकारी दी गर्इ है ताकि वो टेम्पर प्रुफ हों। इस सिक्योरिटी में में क्रोम अाधारित हाॅट स्टैम्प होलोग्राम लगेगा जिसमें अशोक चिन्ह का चित्र भी होगा। 45 डिग्री पर ‘भारत’ वेरिफिकेशन के लिए रेट्रो-रेफलेक्टिव फिल्म भी लगा होगा। इसमें पर्मानेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर 7 अंकों का होगा जो कि लेजर ब्रैंडेड होगा। सरकार के इस कदम के बाद वाहन चोरी व फ्राॅड को रोकने में मदद मिलेगी।
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