पिछले 23 महीनों से 50 फीसदी के ऊपर है इंडेक्स
मई की तुलना में पीएमआई सेक्टर में गिरावट देखी गई है। ग्रोथ की रफ्तार में यह कमी नए ऑर्डर की संख्या में वृद्धि कम रहने के कारण उत्पादन और रोजगारों के सृजन में कमी के चलते हुई है। पिछले 23 महीनों से मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 के आंकड़े से ऊपर रहा है। पीएमआई का आंकड़ा 50 से ऊपर रहने पर क्षेत्र में विस्तार, जबकि नीचे रहने पर संकुचन दर्शाता है।
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अप्रैल और मार्च की तुलना में आई काफी गिरावट
अगर हम अप्रैल माह की बात करें तो विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन का इंडेक्स निक्केई 51.8 फीसदी पर था। जबकि मार्च में यह 52.6 पर था। अप्रैल और मार्च की तुलना में इसमें काफी गिरावट देखी गई है। आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री पॉलिना डे लिमा ने कहा, ‘फैक्ट्री ऑर्डर्स, उत्पादन, रोजगार और निर्यात का स्तर में वृद्धि देखी गई, लेकिन घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी आने से इन सबके ग्रोथ की रफ्तार में सुस्ती रही है।’
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
सर्वेक्षण के मुताबिक, उपभोक्ता वस्तुएं ग्रोथ का अहम स्रोत रही हैं, जिसके कारण बिक्री, उत्पादन एवं रोजगारों में वृद्धि दर्ज की गई। इंटरमीडियट गुड्स कैटिगरी में उत्पादन तथा नए ऑर्डर्स में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन रोजगारों स्थिरता रही है।