scriptCorona से लड़ने को भारत ने अमरीका भेजी 5 करोड़ Hydroxychloroquine | India Send 50 Million Tablet of Hydroxychloroquine to USA for Covid-19 | Patrika News

Corona से लड़ने को भारत ने अमरीका भेजी 5 करोड़ Hydroxychloroquine

Published: May 01, 2020 06:09:49 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

अमरीका ने भारत से दवा निर्यात से बैन हटाने की मांग की थी
दुनिया भर में Hydroxychloroquine की लगातार बढ़ रही है डिमांड
मई के अंत तक 70 टन पहुंच सकता है Hydroxychloroquine का उत्पादन

HCQ

India Send 50 Million Tablets of Hydroxychloroquine to USA for Covid-1

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के खिलाफ पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। ऐसे में एक देश का दूसरे देश की मदद करना काफी जरूरी है। इसी मदद से दुनिया से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। इसी मदद की श्रृंखला में भारत ने अमरीका को 5 करोड़ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट ( Hydroxychloroquine Tablets ) निर्यात की है। इन टैबलेट को अमरीका में भेजने के लिए सरकार को अपने निर्यात बंद करने वाले आदेश को वापस लेना पड़ा था। उससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति की ओर से दवाओं के निर्यात से बैन हटाने की अपील की थी। वैसे कुछ अमरीकी रेगुलेटर्स की ओर से चेतावनी भी दी गई है कि मलेरिया की यह दवा कोरोना के उपचार के लिए नुकसान भी कर सकती है।

यह भी पढ़ेंः- 11 साल के निचले स्तर पर पहुंची भारत में Gold Jewelery की Demand

जारी किए गए हैं नए लाइसेंस
इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अनुसार अमरीका सहित स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, पाकिस्तान, नेपाल जैसे कई देशों से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की मांग है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए भारत पूरी तरह से सक्षम है। कई कंपनियों की ओर से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के प्रोडक्शन को बढ़ा दिया है। जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में भारत में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का 10 टन प्रोडक्शन होता है। जिसके मई के अंत तक 70 टन तक पहुंचने के आसार दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार में गुजरात में गुजरात में इस दवा को बनाने के लिए 68 नए लाइसेंस जारी हुए हैं।

यह भी पढ़ेंः- Coronavirus के बीच तीन महीने में दिल्ली में 277 रुपए सस्ता हुआ Gas Cylinder

ट्रंप की ओर से की गई थी अपील
अभी तक हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना से इलाज के लिए सबसे कारगर दवा माना गया है। इंडिया में इस दवा से मलेलिया का इलाज होता है। कोरोना वायरस के भारत में फैलने के बाद सरकार ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासीटामॉल के निर्यात पर बैन लगा दिया था। लेकिन बाद में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की डिमांड बढऩे के बाद अमरीकी राष्ट्रपति ने दवा से निर्यात बैन हटाने की मांग की थी। जिसके बाद भारत सरकार ने अमरीका के लिए इन दोनों दवाओं के रास्ते खोल दिए थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो