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635 रेलवे स्टेशनों के विकास पर एक लाख करोड़ खर्च करेगी रेलवे

locationनई दिल्लीPublished: Mar 14, 2018 12:44:27 pm

Submitted by:

manish ranjan

रेल मंत्री ने रेलवे पुनर्विकास कार्यक्रम पर चर्चा के लिए वास्तुविदों और योजनाकारों से मुलाकात की।

Piyush Goyal

नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रेलवे के 635 स्टेशनों के विकास के लिए एक विचार प्रतियोगिता ‘श्रीजन’ (संयुक्त कार्यवाही के माध्यम से स्टेशन संरक्षण पहल) शुरू की गई है, जिसके तहत एक लाख करोड़ रुपये के बड़े निवेश से स्टेशनों का विकास कार्य शुरू किया जाएगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे पुनर्विकास कार्यक्रम से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए वास्तुविदों और योजनाकारों से मुलाकात की। बैठक में 54 फर्मो (कंपनियों) के कुल 110 पेशेवरों ने भाग लिया।


यात्रियों के अकांक्षाआें का समाधान खाेजना जरुरी

बैठक में भारतीय रेलवे के 635 स्टेशनों के विकास के लिए एक विचार प्रतियोगिता ‘श्रीजन’ शुरू की गई। इसके जरिए एक लाख करोड़ रुपये के निवेश से इन स्टेशनों का विकास किया जाएगा। जिसमें ठेकेदारों तथा डेवलपर्स के अलावा इंजीनियर्स, योजनाकारों, वास्तुविदों एवं अन्य पेशेवरों की व्यापक भागीदारी की भी आवश्यकता है। बैठक में रेल मंत्री ने भारतीय रेल की वित्तीय स्थिति और जनता की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखते हुए कम कीमत पर जनता की यात्रा की आकांक्षाओं को पूरा करने वाले समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया।

 

बैठक में रेलवे स्टेशनों के विकास/पुनर्विकास में आने वाली समस्याओं और कठिनाइयों के समाधान पर चर्चा की गई। बैठक में मंत्री पीयूष गोयल ने स्टेशन विकास को नया क्षेत्र मानते हुए भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) को सलाहकारों की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए। गोयल ने यह भी कहा कि युवा वास्तुविदों और योजनाकारों को भी स्टेशन विकास कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा और उन्हें छोटे/सरल स्टेशनों पर लगाया जाएगा।


आर्इआरएसडीसी का संभाल रही रेलवे विकास का जिम्मा

पीयूष गोयल ने एक बयान में कहा, “हम विशिष्ट भारतीय परिस्थितियों के अनुसार नए समाधान प्रदान करने पर काम करेंगे। मुझे विश्वास है कि हम दूसरे देशों से भी विशेषज्ञता साझा करने की स्थिति में होंगे।” उन्होंने कहा कि नोडल एजेंसी के रूप में आईआरएसडीसी पूरे देश में लगभग 600 प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य संभाल रही है

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